संजय कुंवर
बदरीनाथ : भू-बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार को रात्रि 9:07 बजे विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं, इसके साथ ही धाम में धीरे-धीरे सन्नाटा छाने लगा है। हक-हकूकधारियों, दुकानदारों और प्रवासियों द्वारा भी यहां से नीचे की ओर रूख होने लगा है।
कपाट बंद होने के बाद बद्रीश पंचायत के मुख्य सदस्य उद्धव और कुबेर जी की मूर्तियां गर्भ गृह से बाहर आने के बाद कुबेर जी बामणी गांव रात्रि प्रवास के लिए लाया गया, वहीं भगवान नारायण के सखा उद्धव जी ने मंदिर परिसर में ही रात्रि प्रवास किया गया। दोनों देव डोलियां आज अपने शीतकालीन प्रवास पांडुकेश्वर पहुंच गई है। अब बदरीनाथ धाम में भगवान नारायण माता लक्ष्मी के सानिध्य में छह माह जगत कल्याण के लिए तपस्यारत रहेंगे। इस दौरान शीतकाल में भगवान नारायण की पूजा देवताओं द्वारा की जाएगी। देवताओं के प्रतिनिधि देव ऋषि नारद इस कार्य का निर्वहन करेंगे। शीतकाल में सुरक्षा का जिम्मा पुलिस द्वारा संभाला जाएगा और हनुमान चट्टी से आगे जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कपाट बंद होने के साथ ही हक-हकूकधारियों, दुकानदारों और प्रवासियों ने भी निचले क्षेत्रों की ओर रूख शुरू कर दिया है। जिससे धाम में सन्नाटा पसरने लगा है।