अपने ही पैसों के लिए न्याय की भीख मांगता बुजुर्ग – पहाड़ रफ्तार

Team PahadRaftar

जब किसी व्यक्ति के जीवन भर की कमाई कोई उड़ा ले तो इसका दर्द शायद भला उस व्यक्ति से ज्यादा कोई नहीं समझ सकता है। हर व्यक्ति जीवन में कठिन समय और बुढ़ापा के लिए कुछ धन बचत करके रखता है। जिससे कि उसे कठिन समय और बुढ़ापे में परेशानी ना उठानी पड़े।

ऐसे ही एक व्यक्ति ने मजदूरी कर कुछ हजार रुपए अपने बुढ़ापे के लिए पोस्ट ऑफिस में एफडी बनाकर रखी गई। लेकिन 5 साल बाद जब बुजुर्ग व्यक्ति पैसे निकालने गया तो पोस्ट मास्टर ने बताया कि इस खाते से पैसे निकालने जा चुके हैं। बुजुर्ग ने पोस्ट मास्टर से कहा कि बिना मेरे हस्ताक्षर के मेरे पैसे किसने और कैसे निकाल दिए? पोस्टर मास्टर इसका सही जवाब नहीं दे पाया। बुजुर्ग अपने जीवन भर की बचत पैसे के न्याय के लिए 5 साल से दर-दर की ठोकरें खा रहा है। और न्याय की गुहार लगा रहा है बावजूद उसे अभी तक कोई न्याय नहीं मिल पाया है।

चमोली जिले के दशोली ब्लाक के बंड क्षेत्र किरूली गांव के 64 वर्षीय बुजुर्ग सुजान सिंह फरस्वाण ने मजदूरी कर कुछ पैसे अपने कठिन समय और बुढ़ापे के लिए जमा किए थे। उन्होंने अप्रैल 2013 में पांच साल के लिए 23000 रूपए पोस्ट ऑफिस गडोरा में एफडी बनाकर रखी थी। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2017 में एफडी की समय अवधि पूर्ण होने पर वे अपने पैसे निकालने के लिए पोस्ट ऑफिस गए। उन्होंने पोस्ट मास्टर से पैसे निकालने के लिए कहा तो पोस्ट मास्टर ने बताया कि इस खाते से पैसे पहले ही निकाल दिए गए हैं। इस पर बुजुर्ग सुजान सिंह ने पोस्ट मास्टर से कहा कि बिना मेरे हस्ताक्षर के पहले ही मेरे पैसे कैसे और कौन निकाल गया? जिसका जवाब पोस्ट मास्टर नहीं दे पाया। बुजुर्ग ने अपने खाते से पैसे की जानकारी के लिए पोस्ट ऑफिस पीपलकोटी से भी जानकारी लेनी चाहिए लेकिन यहां भी उन्हें कोई मदद नहीं हुई। 2021 में बुजुर्ग सुजान सिंह ने रिपोर्टिंग चौकी पीपलकोटी में भी इसकी शिकायत की गई लेकिन वहां से भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। थक हार कर अगस्त 2021 में बुजुर्ग सुजान सिंह ने डाक अधीक्षक गोपेश्वर को अपनी शिकायत दी गई, लेकिन लगभग एक साल बाद भी यहां से भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बुजुर्ग 64 वर्षीय सुजान सिंह ने बताया कि अपने पैसों के लिए उन्होंने पीपलकोटी डाकखाना, पुलिस चौकी पीपलकोटी व मुख्य डाक अधीक्षक गोपेश्वर से शिकायत की गई लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में जब उन्होंने पांच साल की एफडी बनाई तो पोस्ट मास्टर ने पासबुक उन्ही के पास रखने के लिए कहा गया और बताया कि पांच वर्ष पूरे होने पर मैं आप को बता दूंगा। लेकिन पांच साल बाद जब मैं पैसे निकालने आया तो पोस्ट मास्टर कहा कि इस खाते से पैसे निकाले जा चुके हैं। सुजान सिंह ने कहा कि जब मैं आया ही नहीं तो मेरे पैसे किसने निकाले? सुजान सिंह फरस्वाण ने बताया कि वे अपने पैसे के न्याय के लिए पांच साल से कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है।

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