हरीश गुसाईं व लक्ष्मण नेगी की रिपोर्ट
ऊखीमठ : केदार घाटी की हृदय व महर्षि अगस्त्य की तपस्थली खेल मैदान अगस्त्यमुनि में 51 वर्षों बाद हो रहे विश्व मंगलम महायज्ञ एवं अष्टादश महापुराण में प्रतिदिन भीड़ बढ़ती जा रही है। दूर -दूर से भक्त जन कथा श्रवण के लिए सुबह दस बजे से ही कथा मण्डप में बैठ जा रहे हैं। विशेषकर महिलाओं में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। इस महा अनुष्ठान में एक साथ इतने व्यास आचार्यों से कथा श्रवण का लोभ महिलाओं को कथा मण्डप तक खींच रहा है।
अष्टादश महापुराण के आठवें दिन आचार्य लम्बोदर मैठाणी ने शिव पुराण, आचार्य अनिल बेंजवाल ने श्रीमद् देवी भागवत, आचार्य महेन्द्र नारायण शुक्ला ने उपनिषद्, आचार्य अनिल भट्ट ने ब्रह्म पुराण, आचार्य नीरज काण्डपाल ने स्कन्द पुराण चतुर्थ खण्ड, आचार्य गंगाराम सकलानी ने विष्णु पुराण, आचार्य राजेन्द्र प्रसाद पुरोहित ने मार्कण्डेय पुराण, आचार्य अनिल भट्ट ने अग्नि पुराण, आचार्य प्रियधर पुरोहित ने ब्रह्मवैवर्त पुराण, आचार्य सच्चिदानन्द सेमवाल ने कुर्म पुराण, आचार्य विनोद नौटियाल ने वराह पुराण, आचार्य कमलेश प्रसाद गार्ग्य ने लिंग पुराण, आचार्य प्रवीण बेंजवाल ने वामन पुराण, आचार्य विजय मैठाणी ने मत्स्य पुराण, आचार्य पियूष दरमोड़ा ने वायु पुराण, डॉ त्रिलोचन भट्ट ने गरूड़ पुराण, आचार्य कृष्णानन्द नौटियाल एवं आचार्य अनिरूद्ध भट्ट ने पद्म पुराण की कथा का वाचन किया। आचार्य महेन्द्र नारायण ने उपनिषद् पर चर्चा करते हुए कहा कि उपनिषद ही समस्त भारतीय दर्शनों के मूल स्रोत हैं। उपनिषदों में देवता-दानव, ऋषि-मुनि, पशु-पक्षी, पृथ्वी, प्रकृति, चर-अचर, सभी को माध्यम बना कर रोचक और प्रेरणादायक कथाओं की रचना की गयी है। जो बातें वेदों में जटिलता से कही गयी है उन्हें उपनिषदों में सरल ढंग से समझाया गया है। आचार्य अनिल बेंजवाल ने श्रीमद् देवी भागवत कथा का वाचन करते हुए बताया कि श्रीमद् देवी भागवत् पुराण सभी शास्त्रों तथा धार्मिक ग्रंथों में महान है। इसके सामने बड़े-बड़े तीर्थ और व्रत नगण्य हैं। इस पुराण के सुनने से पाप सूखे वन की भांति जलकर नष्ट हो जाते हैं। इस 11 दिवसीय महा अनुष्ठान में अब तक पूर्व विधायक व भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल, बद्रीकेदार मन्दिर समिति के सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, नपं अध्यक्ष अरूणा बेंजवाल, कालीमठ मन्दिर समिति प्रबन्धक प्रकाश पुरोहित, गौरव कठैत, जैक्सवीन नेशनल स्कूल के प्रबन्धक लखपत राणा सहित विभिन्न क्षेत्रों के जनप्रतिनिधि, विभिन्न ग्रामों की कीर्तन मण्डलियां आदि ने कथा श्रवण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।
आयोजन समिति के संयोजक हर्षवर्धन बैंजवाल तथा सह संयोजक विक्रम नेगी ने बताया कि बुधवार को मंदाकिनी से भव्य जल कलश यात्रा का आयोजन किया जायेगा तथा 29 जून को पूर्णाहुति के साथ महायज्ञ व अष्टादश पुराणों का समापन होगा। अध्यक्ष धीरसिंह नेगी एवं सचिव चन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि आयोजक मण्डल व विभिन्न क्षेत्रों के दानदाताओं द्वारा प्रतिदिन कथा श्रवण में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए भण्डारे का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर नाकोट के पधान विजय सिंह नेगी, श्रीमती सर्वेशवरी गुसाईं, भूपेन्द्र राणा, हरीश गुसाईं, विजयपाल राणा, दिग्पाल नेगी, चन्द्र सिंह रावत, श्रीनन्द जमलोकी, देवी प्रसाद भट्ट, ललित मोहन भट्ट, उमा भट्ट, शत्रुघ्न नेगी, राजेश बगवाड़ी, रमेश बेंजवाल, वीपी बमोला, विनोद बिष्ट, ओमप्रकाश बेंजवाल, शशिधर सेमवाल, कुशलानन्द भट्ट, विक्की आनन्द , बलदीप कण्डारी सहित विभिन्न उपसमितियों के सदस्य मौजूद रहे।