ऊखीमठ। तुंगनाथ घाटी के सुरम्य मखमली बुग्यालों में लगातार अतिक्रमण व खनन होना भविष्य के लिए चिन्ता का विषय बना हुआ है। सुरम्य मखमली बुग्यालों में हो रहे अतिक्रमण व खनन के प्रति तहसील प्रशासन व वन विभाग क्यों मौन बना हुआ है यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है! आने वाले समय में यदि तुंगनाथ घाटी के सुरम्य मखमली बुग्यालों में इसी प्रकार अतिक्रमण व खनन जारी रहा तो वे दिन दूर नहीं जब बुग्यालों की सुन्दरता गायब हो जायेगी तथा तुंगनाथ घाटी का पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित होगा।
तुंगनाथ घाटी में अतिक्रमण करने वाले बाहरी पूजीपति किसकी सह पर लगातार बुग्यालों में अतिक्रमण कर रहे है यह सोचनीय विषय बना हुआ है। बता दें कि तुंगनाथ घाटी विभिन्न यात्रा पड़ावों के चारों तरफ पड़ने वाले सुरम्य मखमली बुग्यालों के चारों तरफ विगत कई वर्षों से अवैध अतिक्रमण व खनन जारी है। वर्ष 2019 में जिला प्रशासन के निर्देश पर एक डी एम के नेतृत्व में गठित समिति ने तुंगनाथ घाटी में हो रहे अवैध अतिक्रमण व खनन पर कुछ समय के लिए अतिक्रमण व खनन पर रोक लगाकर मखमली बुग्यालों में लगे टैंन्टों को हटाने का फरमान जारी किया था।ए डी एम के नेतृत्व में गठित समिति का फरमान जारी होते ही लगभग सभी बुग्यालों से अतिक्रमण हटकर बुग्यालों की सुन्दरता फिर से लौटने लगी थी।
विगत एक वर्ष के अन्तराल में सुरम्य मखमली बुग्यालों में निरन्तर अतिक्रमण व खनन होने से बुग्यालों की सुन्दरता गायब होने के साथ तहसील प्रशासन व वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गये है। स्थानीय सूत्रों की माने तो तुंगनाथ घाटी के सुरम्य मखमली बुग्यालों में बाहरी पूजीपति लगातार अतिक्रमण व खनन कर रहे है! बुग्यालों में अतिक्रमण होने से बुग्यालों की सुन्दरता गायब होना स्वाभाविक ही है! नाम न छापने की शर्त पर कुछ स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि कुछ समय पूर्व वन विभाग द्वारा पगेर में कुछ ढांबो को तोडकर अतिक्रमण हटाने का प्रयास किया गया था मगर पुनः ढाबे का निर्माण किसकी सह पर हुआ यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है। विश्व भर में तुंगनाथ घाटी को सुरम्य मखमली बुग्यालों के अनमोल खजाने के रुप में जाना जाता है तथा प्रतिवर्ष हजारों सैलानी यहाँ के बुग्यालों के दीदार होने के लिए तुंगनाथ घाटी पहुंचते है जिससे तुंगनाथ घाटी के पर्यटन व्यवसाय में खासा इजाफा होता है।
तुंगनाथ घाटी के सुरम्य मखमली बुग्यालों में निरन्तर अवैध अतिक्रमण व खनन जारी है जिससे सुरम्य मखमली बुग्यालों की सुन्दरता धीरे – धीरे गायब हो रही है, आने वाले समय में बुग्यालों में अवैध अतिक्रमण व खनन इसी प्रकार रहा तो वह दिन दूर नहीं जब पर्यटक तुंगनाथ घाटी की हसीन वादियों से मुंह मोड़ लेगा जिससे स्थानीय पर्यटन व्यवसाय प्रभावित होना स्वाभाविक ही है। वहीं दूसरी ओर वन विभाग अगस्तमुनि के रेंज अधिकारी बलवन्त चौहान का कहना है कि बनियाकुण्ड के अन्तर्गत अधिकतर अतिक्रमण राजस्व ग्राम में हुआ है, राजस्व ग्राम से बाहर हुए अतिक्रमण के लिए डी एफ ओ से पत्राचार किया गया है आदेश मिलते ही बुग्यालों में हुए अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही शुरू की जायेगी।