संजय कुंवर
बदरीनाथ धाम : बदरीनाथ धाम में पंच पूजाओं के चौथे दिन आज महालक्ष्मी को लगेगा कढाई भोग. नारायण के दरबार से माता लक्ष्मी के लिए बुलावा भेजा जाएगा।
बदरी विशाल के कपाट शीतकाल के लिए 17 नवंबर को बंद होने हैं, ऐसे में धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। धाम में अब तक 14 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन कर पुण्य अर्जित किया है। वहीं बदरीनाथ भगवान के कपाट बंद होने से पूर्व मंदिर को गेंदे के फूलों से भव्य सजाया जा रहा है। पंच पूजाओं के चौथे दिन आज महालक्ष्मी को कढाई भोग लगाया जाएगा। इसके तहत आज भगवान नारायण के यहां से महालक्ष्मी के लिए बुलावा भेजा जाएगा और इस उत्सव को कढाई भोग के रूप में मनाया जाएगा। लक्ष्मी के पुजारी सुमन डिमरी ने बताया कि आज भगवान नारायण के यहां से महालक्ष्मी को बुलावा के साथ कडाई भोग लगाया जाएगा। जबकि कल महालक्ष्मी की विदाई पर डिमरी समुदाय द्वारा विदाई भोग लगाया जाएगा।
शनिवार को माता लक्ष्मी की पूजा – अर्चना तथा कढाई भोग अर्पित किया जा रहा है। वहीं पंच पूजाओं के अंतिम दिन कल रविवार 17 नवम्बर को रावल मुख्य पुजारी अमरनाथ नंबूदरी स्त्री (सखी) भेस धारण कर माता लक्ष्मी की प्रतिमा को बदरीनाथ धाम के गर्भगृह में प्रतिष्ठापित करेंगे। इससे पूर्व उद्धव व कुबेर जी की प्रतिमा को मंदिर परिसर में लाया जाता है। रविवार को जहां कपाट बंद होने की विशेष धार्मिक विशेष पारंपरिक प्रक्रिया के तहत भारत के पहले पर्यटन गांव माणा गांव की महिला मंगल दल की महिलाओं की ओर से तैयार किए गए घृत कंबल (घी में भिगोया ऊन का कंबल) को भगवान बदरीनाथ को ओढ़ाया जायेगा। इसके बाद रात्रि 9 बजकर 7 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।