लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : राजकीय महाविद्यालय विद्यापीठ गुप्तकाशी में हरेला पर्व सप्ताह के तहत एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया तथा महाविद्यालय परिवार द्वारा परिसर में विभिन्न प्रजाति के फलदार व छायादार पौधों का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन का संकल्प लिया गया साथ ही नौनिहालों द्वारा मन्दाकिनी वाटिका में स्वच्छता अभियान चलाया गया।
लोकपर्व हरेला पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर प्रताप सिंह जंगवाण ने कहा कि प्रदेश सरकार व शिक्षा निर्देशालय द्वारा प्रति वर्ष लोकपर्व हरेला मनाकर प्रकृति को हरा भरा बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व आज पर्यावरण समस्या से जूझ रहा है तथा भविष्य में इसके गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं इसलिए प्रकृति के खाली भू-भाग को हरा – भरा बनाने की सामूहिक पहल होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक सर्वे के अनुसार पूरे भारत देश में प्रकृति के साथ मानवीय हस्तक्षेप होने तथा अवैध वृक्षों का पातन होने के कारण 19 हजार प्राकृतिक जल स्रोत सूख चुके हैं जो कि भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है! उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की समस्या प्रति वर्ष बढ़ने से मौसम के अनुकूल दिसम्बर जनवरी में बर्फबारी ने होने से हिमालय बर्फ बिहीन होता जा रहा है जो कि चिन्ता का विषय है! उन्होंने ने हरेला पर्व सप्ताह के अंतर्गत प्रत्येक छात्र को एक पौधा लगाने के लिए प्रेरित किया एवं उस पौधे की सुरक्षा तथा नियमित देखभाल करने का संकल्प दिलवाया ।
प्राध्यापक डॉ. आजाद सिंह ने छात्र-छात्राओं को रोपे गए पौधों की सुरक्षा एवं संवर्धन हेतु प्रोत्साहित किया। वृक्षारोपण कार्यक्रम में महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. मनोज गैडी, डॉ0 योगिशा, डॉ0 अंजना, डॉ0भागवत ,डा0 मोनिका ,डॉ0 अनुराग सहित महाविद्यालय के लगभग 5 दर्जन से अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। संगोष्ठी का संचालन चिंतामणि बडोनी ने किया।