बंड मेले में चक्रव्यूह मंचन देख भाव विभोर हुए मेलार्थी
पीपलकोटी
लोकसंस्कृति कर्मी और गढ़वाली चक्रव्यूह के लेखक और सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य आचार्य कृष्णानन्द नौटियाल व उनकी पूरी टीम के द्वारा बंड मेले के दूसरे दिन चक्रव्यूह मंचन की भव्य प्रस्तुति से हर कोई अभिभूत हुए।
चक्रव्यूह को देखने बंड मेले में मेलार्थियों का सैलाब उमड़ पड़ा। मेले में गढ़वाली में महाभारत युद्ध में अभिमन्यु वध का मंचन किया गया। लीला में अर्जुन को लेकर भगवान श्रीकृष्ण युद्ध करते हुए दक्षिण दिशा की ओर चले जाते हैं। इधर, गुरु द्रोणाचार्य चक्रव्यूह रचते हैं। अर्जुन के अलावा चक्रव्यूह को भेदना किसी को नहीं आता है।
ऐसे में पांडवों के निराश होने पर अर्जुन पुत्र 16 वर्षीय अभिमन्यु आश्वस्त करता है कि वह चक्रव्यूह को भेद देगा। युद्ध में भीम भी अभिमन्यु के साथ जाते हैं। लेकिन जयद्रथ उन्हें अंदर प्रवेश नहीं करने देता।
ऐसे में अभिमन्यु ही अकेले छह द्वारों को भेदते हुए चक्रव्यूह के अंदर प्रवेश करते हैं। वह जयद्रथ, गुरु द्रोणाचार्य, शैल्य, लक्ष्मण, अश्वथामा, कर्ण, दुशासन को परास्त कर देता है। सातवें द्वार पर दुर्योधन छल करता है और अन्य महारथियों के साथ मिलकर अभिमन्यु का वध कर देता है। पात्रों के जीवंत अभिनय को देखकर बंड मेले में दूरस्थ गांवों से पहुंचे लोग भाव-विभोर हो गए। मेले में चक्रव्यूह मंचन के संयोजक कृष्णा नंद नौटियाल के साथ अभिमन्यु- अंकुश, अर्जुन- राय सिंह, कृष्ण- प्रदीप सेमवाल, भीमसेन- योगेश ममगाई, कौरव सेना में जयद्रथ– हैप्पी असवाल, द्रोणाचार्य– सुरेन्द नौटियाल, नंदन सिंह राणा और सुशील कुमार डिमरी सहित अन्य पात्रों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वहीं बंड विकास संगठन के अध्यक्ष अतुल शाह ने चक्रव्यूह मंचन की पूरी टीम को बेहतरीन प्रस्तुति पर बधाई दी और आभार व्यक्त किया।