ऊखीमठ : तीन दिवसीय जागतोली दशज्यूला महोत्सव की तैयारियां संपन्न, धियाणियां पहुंचने लगी

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी

ऊखीमठ : दशज्यूला क्षेत्र की हृदय स्थली के नाम से विख्यात जागतोली के खेल मैदान में नन्दाष्टमी के पावन पर्व पर लगने वाले तीन दिवसीय जागतोली दशज्यूला महोत्सव मेले की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। तीन दिवसीय जागतोली दशज्यूला महोत्सव के आयोजन को लेकर क्षेत्रीय जनता में खासा उत्साह बना हुआ है तथा प्रवासियों व धियाणियां का आवागमन दशज्यूला क्षेत्र के विभिन्न गांवों में होने से गांवों की चौपालो में रौनक लौटने लगी है। तीन दिवसीय जागतोली दशज्यूला महोत्सव के लिए जागतोली के व्यापारियों ने अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान रंग – रोबन से सजाने शुरू कर दिये हैं। जानकारी देते हुए महोत्सव समिति अध्यक्ष/ वरिष्ठ अधिवक्ता जयवर्धन काण्डपाल ने बताया कि सबसे पहले वर्ष 1958 में दशज्यूला क्षेत्र के अन्तर्गत जागतोली मेले का शुभारंभ हुआ था तथा प्रति वर्ष नन्दाष्टमी पर मेले का आयोजन किया जाता था! उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, युवाओं व क्षेत्रीय जनता के सराहनीय सहयोग से जागतोली मेले को जागतोली दशज्यूला महोत्सव के रूप में वृहद रूप से आयोजित करते हुए इसे तीन दिवसीय बनाया। उन्होंने बताया कि जागतोली दशज्यूला महोत्सव में स्कूली बच्चों की सांस्कृतिक एवं खेलकूद प्रतियोगिता, महिला मंगल दलों के कार्यक्रमों के साथ साथ स्थानीय कलाकारों को मंच दिया जाता है। साथ ही यह आयोजन दशज्यूला क्षेत्र को नयी पहचान भी दे रहा है। मेला सचिव / पत्रकार कालिका काण्डपाल ने बताया कि तीन दिवसीय जागतोली दशज्यूला महोत्सव में स्थानीय उत्पादों की विक्री, विभिन्न विभागों द्वारा स्टालों के माध्यम से काश्तकारों व ग्रामीणों को सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जायेगी तथा लोक गायक दिगम्बर विष्ट, सुमान सिंह रौथाण, सीमा गुंसाई, हेमन्त बुटोला, तानिया राणा सहित उत्तराखण्ड के सुप्रसिद्ध लोकगायक किशन महिपाल द्वारा विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति इस वर्ष मेले के मुख्य आकर्षण का केन्द्र होंगे। उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय जागतोली दशज्यूला महोत्सव के आयोजन से क्षेत्र को प्रति वर्ष नयी पहचान मिल रही है तथा क्षेत्रीय जनता का मुख्य उद्देश्य जागतोली दशज्यूला महोत्सव के माध्यम से स्थानीय तीर्थाटन, पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देना है।
मेला संयोजक निधे किशोर ने जानकारी देते हुये बताया कि मेले के पहले दिन स्कूली बच्चों की लोकगीत और लोकनृत्य की प्रतियोगिता, कबड्डी एवं खो-खो प्रतियोगिता करायी जायेगी। दूसरे दिन दशज्यूला क्षेत्र के सभी गावों के महिला मंगल दलों की मांगल गीत व झुमैलो प्रतियोगिता होगी। जबकि तीसरे दिन सुप्रसिद्ध लोकगायक किशन महिपाल की टीम व संगम कलामंच के कलाकरों द्वारा संस्कृति प्रस्तुतियों के बाद पुरस्कार वितरण समारोह के साथ मेले का समापन किया जायेगा।

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