गोपेश्वर : जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्यमंत्री जल संरक्षण एवं संवर्धन के तहत संचालित कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देशित किया कि जल संरक्षण एवं संवर्धन कार्यों को गंभीरता से लेते हुए समय पर पूर्ण किया जाए। गांव क्षेत्र की जरूरतों के हिसाब से एक सुनियोजित तरीके से जल संरक्षण के कार्य किए जाए। पूर्व में जल संवर्धन हेतु किए गए कार्यों का विश्लेषण के आधार पर आगे योजनाओं का क्रियान्वयन करें। पानी की कमी वाले गांवों को प्राथमिकता दी जाए। पौधरोपण, चाल खाल, खंती, चेकडैम और जल संग्रहण संरचनाओं के निर्माण हेतु विभागों को जो लक्ष्य दिए गए है उनको शीघ्र पूरा करें। जल संरक्षण के लिए चिन्हित कुछ क्लस्टर को मॉडल के रूप में तैयार किया जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि सभी विभाग समन्वय बनाकर एक विस्तृत प्लान के साथ ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों में समयबद्ध ढंग से जल संवर्धन के कार्य पूर्ण करना सुनिश्चित करें।
जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने और भूगर्भीय जलस्तर में वृद्धि के लिए जुलाई से सितंबर तक मुख्यमंत्री जल संरक्षण एवं संवर्द्धन अभियान चलाया गया है। इस अभियान के तहत सभी रेखीय विभागों द्वारा समन्वित रूप से ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों में जल संग्रहण हेतु चाल खाल, चेकडैम, खंती निर्माण और जल संवर्धन प्रजाति के पौधे लगाए जा रहे है। नोडल सिंचाई विभाग द्वारा सभी विभागों के साथ मिलकर जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्य किए जा रहे है।
बैठक में उप वन संरक्षक इन्द्र सिंह नेगी, मुख्य विकास अधिकारी डॉ ललित नारायण मिश्र, सहित कृषि, उद्यान, पेयजल, सिंचाई, शिक्षा, पंचायती राज एवं नगर निकायों के अधिकारी उपस्थित रहे।