चमोली : मुख्य विकास अधिकारी डॉ ललित नारायण मिश्र की अध्यक्षता में मंगलवार को जिला स्तरीय ईको टूरिज्म विकास समिति की बैठक संपन्न हुई। जिसमें ईको टूरिज्म गतिविधियों को बढावा देने के लिए विभिन्न विकास कार्यों के लिए तैयार प्रस्तावों पर गहनता से चर्चा की गई।
मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देशित किया कि ईको टूरिज्म के लिए प्रस्तावित डीपीआर का तकनीकी परीक्षण कराने के बाद शासन को भेजा जाए और स्वीकृति मिलने पर शीघ्र विकास कार्य शुरू किए जाए। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि ईको टूरिज्म स्थलों पर इको पार्क और हर्बल गार्डन बनाने के लिए भी प्रस्ताव तैयार किया जाए। पर्यटकों की जानकारी के लिए इको टूरिस्ट स्थलों का प्रचार प्रसार करें और स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जाए।
जनपद में ईको टूरिज्म विकास के लिए वन विभाग द्वारा 6 प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। पहले चरण में जिले में माणा-सतोपंथ, माणा-वसुधारा, लोहाजंग-भेंकलताल ट्रैक, वाण-बेदनी-रूपकुंड ट्रैक, घेस-बगजी ट्रैक, लॉर्ड कर्जन-कुंवारी पास ट्रैक और मंडल से चोपता तथा भुलकना से सौखर्क होते हुए तुंगनाथ तक बर्ड वाचिंग ट्रेल विकसित करने हेतु 6.27 करोड़ की डीपीआर तैयार की गई है। इन ट्रैक मार्गों पर सुधारीकरण के साथ मार्ग में भूस्खलन क्षेत्रों का ट्रीटमेंट, रेन शेल्टर निर्माण, पर्यटकों को बैठने के लिए स्थानीय सामग्री से निर्मित बैंच, साइनेज बोर्ड, प्राकृतिक जल स्रोतों का पुर्नद्वार, पेयजल, ग्रीन टॉयलेट, डस्टबिन आदि सुविधाएं विकसित करने के प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। तकनीकी परीक्षण के बाद प्रस्ताव शासन को भेजे जाएंगे।
बैठक में डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे, डीएफओ इन्द्र सिंह नेगी, डीएफओ वीवी मरतोलिया, मुख्य विकास अधिकारी डॉ ललित नारायण मिश्र, परियोजना निदेशक आनंद सिंह, जिला पर्यटन अधिकारी एसएस राणा आदि मौजूद रहे।