ऊखीमठ : सीएम के चयन के दौरान भाजपा को इस बात को अवश्य ध्यान रखना होगा!
भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड में एक बार पुनः विजय का परचम लहराया। उसे कुल 70 सीटों में से 47 सीटें प्राप्त हुई। गढ़वाल क्षेत्र से भाजपा को सर्वाधिक 26 सीटें प्राप्त हुई जोकि कुल सीटों का 87% है। जबकि कुमाऊं क्षेत्र से उसे कुल 18 सीटें प्राप्त हुई है। जो कि मात्र 70% ही है। वहीं हरिद्वार से मात्र 3 सीटों पर ही भाजपा को संतोष करना पड़ा। इन दिनों भाजपा में सीएम पद की मैराथन दौड़ चल रही है। कोई पूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पुनः मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपने की पैरवी कर रहा है। तो कोई अन्य नाम पर विचार की बात कह रहा है इतना ही नहीं अब तो दिन प्रतिदिन दावेदारों की सूची भी बढ़ती ही जा रही है।
लेकिन एक महत्वपूर्ण विषय जिस ओर शायद ही अभी तक किसी का ध्यान गया हो वह यह है कि प्रदेश में भाजपा को जो सफलता मिली है वह मोदी मैजिक के कारण ही मिली है। यदि कोई सीएम का दावेदार यह समझे कि यह जीत उसके व्यक्तिगत प्रयासों की जीत है तो यह समझना सरासर गलत है। भाजपा को सर्वाधिक सीट क्योंकि गढ़वाल से प्राप्त हुई है। और गढ़वाल के लोगों ने ही भाजपा पर सर्वाधिक भरोसा जताया है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि भाजपा को गढ़वाल की सम्मानित जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए यहां से चुने हुए किसी वरिष्ठ विधायक को ही मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपने चाहिए।कार्यकर्ताओं का कहना है कि भाजपा के चुने हुए अधिकांश विधायकों की राय भी यही है कि चुने हुए वरिष्ठ विधायकों में से ही सीएम चुना जाए।
फूलदेई त्यौहार : घोघा विसर्जित करते समय नौनिहालों की आंखें छलक उठे - लक्ष्मण नेगी ऊखीमठ
Mon Mar 21 , 2022