वर्ल्ड रिकॉर्ड : हल्दी के एक पौधे से 25 किलो हल्दी पैदा करने वाले विश्व के पहले किसान बने उत्तराखंड के नरेंद्र

Team PahadRaftar

उत्तराखंड के किसान नरेन्द्र के नाम विश्व कीर्तिमान

वर्ल्ड ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड ने दर्ज की उपलब्धि

कोयंबटूर तमिलनाडु में हुआ भव्य सम्मान

लक्ष्मण मेहरा की रिपोर्ट

आईसीएआर-गन्ना प्रजनन संस्थान कोयंबटूर की निदेशक डॉ जी हेमाप्रभा एवं उत्तराखंड के आयुक्त गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग एचडी पांडे द्वारा किया गया सम्मानित।

हल्दी के एक पौधे से 25 किलो हल्दी पैदा करने वाले विश्व के पहले किसान बने नरेंद्र

कोयंबटूर : उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में गन्ने की खेती को विस्तार देने का प्रयास कर रहे नरेंद्र सिंह मेहरा देश के सबसे प्राचीनतम 112 वर्ष पूर्व स्थापित गन्ना प्रजनन संस्थान (एसबीआई) कोयंबटूर के वैज्ञानिकों से मिलकर पहाड़ों में गन्ने की खेती की संभावनाओं को तलाशने के उद्देश्य से गन्ना किसानों के दल साथ अध्ययन यात्रा में कोयंबटूर गए किसान नरेंद्र सिंह मेहरा को उत्तराखंड के गन्ना आयुक्त एचडी पांडे तथा संस्थान की निदेशक डॉ जी हेमाप्रभा द्वारा वर्ल्ड’स ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र एवं मेडल पहनाकर सम्मानित किया।

उल्लेखनीय है कि गत वर्ष श्री मेहरा ने अपनी जैविक खेती की मेहनत के बल पर हल्दी के एक पौधे से 25 किलोग्राम हल्दी पैदा करने का एक रिकॉर्ड कायम किया था। गहन निरीक्षण के बाद वर्ल्ड ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड्स ने उनकी इस उपलब्धि को विश्व रिकॉर्ड में शामिल करते हुए उन्हें प्रमाण पत्र तथा गोल्ड मेडल प्रदान किया। जिसे आज उन्होंने तमिलनाडु के कोयंबटूर में प्राप्त किया।
हल्द्वानी विकासखंड के ग्राम देवला मल्ला निवासी प्रगतिशील किसान नरेंद्र सिंह मेहरा लंबे समय से जैविक खेती के प्रति समर्पित हैं। उनके द्वारा खेती में कई अभिनव नवाचार किए गए हैं। उन्होंने जैविक पद्धति से लहसुन के साथ गेहूं की सहफसली खेती कर यह साबित कर दिया कि मात्र 150 ग्राम गेहूं के बीज से 4 कुंटल गेहूं पैदा किया जा सकता है। उन्होंने बिना पानी के धान की खेती करने का एक प्रयोग उत्तराखंड के किसानों के लिए प्रस्तुत किया जिसमें गोंद कतीरा पद्धति से वर्षा आधारित धान पैदा किया जा सकता है। जिसमें 70% मानव श्रम और 90% पानी की बचत की जा सकती है। उत्तराखंड में काले चावल की खेती करने वाले प्रथम किसान के रूप में पहचाने जाने वाले नरेंद्र आज धान की विलुप्तप्राय 10 प्रजातियों के संरक्षण पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने गेहूं की एक प्रजाति भी विकसित की जो नरेंद्र 09 नाम से उनके नाम पर पेटेंट है। जैविक खेती के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए आज उत्तराखंड में उन्हें कृषि भागीरथ के रूप में जाना जाता है।

श्री मेहरा को इस उपलब्धि पर उत्तराखंड सहित देश के अन्य प्रांतों के किसानों द्वारा लगातार बधाइयां प्राप्त हो रही है। श्री मेहरा ने आयुक्त गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग एचडी पांडे जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने एक किसान के मनोबल को कोयंबटूर पहुंचकर बढ़ाया। इस कार्यक्रम में उपस्थित उत्तराखंड की सभी किसान बंधुओं का भी उन्होंने हार्दिक अभिनंदन करते हुए कहा कि यह सम्मान में उन सभी किसान बंधुओं को समर्पित करता हूं जो उत्तराखंड के विकास के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं।

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