ऋषि गंगा घाटी में वैकल्पिक पुल और ट्रॉली बनने से प्रभावित गांव के ग्रामीण करने लगे अपने गंतव्य के आवाजाही – संजय कुंवर की रैणी तपोवन से खास रिपोर्ट

Team PahadRaftar

ऋषि गंगा घाटी में वैकल्पिक पुल और ट्रॉली बनने से प्रभावित गांव के ग्रामीण करने लगे अपने गंतव्य के आवाजाही

संजय कुँवर रैणी तपोवन

ऋषि गंगा में आए सैलाब से अपने ही गाँवों में कैद होकर रह गए नीति घाटी और धौली गंगा घाटी के 13 गाँवों के 465 परिवार अब वैकल्पिक पैदल पुल और ट्रोली और वैकल्पिक ब्रिज बनने से जोशीमठ मुख्यालय सहित अपने गंतव्यों को आवाजाही करने लगे हैं।

आप इन तस्वीरों में देख कर अंदाज लगा सकते हैं की किस तरह धौली गंगा घाटी के ग्रामीण जल प्रलय से डरे सहमे हुए ट्रोली से अपने घरों को आवाजाही कर रहे हैैं।बता दें कि भीषण हिम आपदा में भारत तिब्बत बॉर्डर को जोड़ने वाला जोशीमठ मलारी हाईवे रैणी में ऋषिगंगा पर बना 90 मीटर लम्बा मोटर पुल बह जाने से आवाजाही बाधित है। आज दसवें दिन भी यहाँ ऋषि गंगा घाटी में रेस्क्यू अभियान जारी है,यहाँ ऋषि गंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट में करीब 53 लोग लापता हैं जिनमें से 7 शव अब तक बरामद हुए हैं।

 

लाता,सुराईथोठा,तोलमा,सुकी,भल गाँव,लोंग- तमक,रैंणी पल्ली, पेंग,मुरण्डा,और फागती, का संपर्क शेष दुनिया से अभी भी कटा हुआ है। वहीं प्रशासन द्वारा अब तक नीति घाटी के 4450लोगों को हेली से उनके गंतव्यों तक पहुँचा दिया गया है।साथ ही 529 परिवारों को राशन किट भी बांटे जा चुके हैं, वहीं आपदा प्रभावित 13 गाँव में विद्युत विभाग द्वारा टूटी हुई बिजली लाईन को दूरस्त कर बिजली आपूर्ति बहाल कर दी है।पेयजल आपूर्ति भी प्रगति पर है। इस आपदा में ऋषि गंगा घाटी के लोगों के 180 पशु धन हानि हुई है।

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