ऊखीमठ। मदमहेश्वर घाटी के ग्रामीणों व भेड़ पालकों की अराध्य देवी भगवती मनणामाई की लोक जात यात्रा सादगी से विधिवत रासी गांव से शुरू हो गयी है। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण इस बार मनणामाई की लोक जात यात्रा में मात्र छह श्रद्धालु शामिल हैं। भगवती मनणामाई की लोक जात यात्रा मदमहेश्वर घाटी के रासी गांव से लगभग 32 किमी दूर मनणा धाम पहुंचेगी तथा वापस रासी गांव पहुंचने पर मनणामाई लोक जात यात्रा का समापन होगा। सोमवार को मनणामाई की लोक जात यात्रा प्रथम रात्रि प्रवास के लिए थौली पहुंच गयी है तथा मंगलवार को लोक जात यात्रा द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए शीला समुद्र पहुंच सकती है।
64 किमी पैदल मनणामाई लोक जात यात्रा को सम्पन्न होने में 5 से 6 दिन लगते हैं। लोक मान्यताओं के अनुसार भगवती मनणामाई का धाम मदमहेश्वर घाटी के रासी गांव से लगभग 32 किमी दूर हिमालय के आंचल तथा मदानी नदी के किनारे बसा हुआ है। मनणामाई भेड़ पालकों की अराध्य देवी माना जाता है। पूर्व में जब भेड़ पालक छह माह बुग्यालों के प्रवास से वापस लौटते थे तो भगवती मनणामाई की डोली साथ लेकर अपने गांव वापस आते थे। धीरे – धीरे भेड़ पालन व्यवसाय में गिरावट आने के कारण भगवती मनणामाई की डोली राकेश्वरी मन्दिर रासी में तपस्यारत रहने लगी तो रासी के ग्रामीणों द्वारा प्रति वर्ष सावन माह में भगवती मनणामाई की डोली राकेश्वरी मन्दिर रासी से लगभग 32 किमी दूर मनणामाई धाम पहुंचाकर पूजा – अर्चना के बाद मनणामाई की डोली को पुन: वापस राकेश्वरी मन्दिर रासी गांव में विराजमान किया जाता है, इसी परम्परा के तहत सोमवार को मनणामाई की लोक जात यात्रा का विधिवत शुरू हो गयी है!
जानकारी देते में राकेश्वरी मन्दिर समिति अध्यक्ष जगत सिंह पंवार ने बताया कि सोमवार को ठीक चार बजे बह्मबेला पर पूजा – अर्चना व विधि – विधान से भगवती मनणामाई की लोक जात यात्रा का शुभारंभ राकेश्वरी मन्दिर रासी गांव से शुरू हो गया है तथा वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण लोक जात यात्रा में मात्र छह स्थानीय श्रद्धालु शामिल है। उन्होंने बताया कि मनणामाई की लोक जात यात्रा कितने दिन में सम्पन्न होगी यह मौसम के मिजाज पर निर्भर करता है। उन्होंने बताया कि भगवती मनणामाई की लोक जात यात्रा में पण्डित ईश्वरी प्रसाद भटट्, शिव सिंह रावत, बलवीर पंवार, अभिषेक नेगी, रोहित नेगी, अंकित राणा शामिल है। ग्रामीण हरेन्द्र खोयाल ने बताया कि पूर्व में मनणामाई की लोक जात यात्रा में असंख्य भक्त शामिल होते थे मगर विगत दो वर्षों से वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण भगवती मनणामाई की लोक जात यात्रा को सादगी से सम्पन्न किया जा रहा है।