संजय कुंवर घांघरिया/फूलों की घाटी
फूलों की घाटी : विश्व धरोहर फूलों की घाटी में पर्यटकों को इस बार होंगे ग्लेशियर के दीदार,पार्क की रेकी दल वापस लौटा।
फूलों की घाटी अपनी दुर्लभ जैव विविधता और ईको सिस्टम के कारण यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त चमोली जिले के उच्च हिमालई लोकपाल क्षेत्र में स्थित है। फूलों की घाटी नेशनल पार्क आगामी 1जून2023 को गीष्मकाल सीजन हेतु प्रकृति प्रेमियों व पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी। अल्पाइन पुष्पों की इस दुर्लभ प्राकृतिक घाटी में इस सीजन को देखते हुए पैदल संपर्क मार्ग,पुलिया,सहित अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए फूलों की घाटी पहुंचा पार्क प्रशासन का रेकी दल वापस घांघरिया लौट आया है। और अब घाटी में 1जून से पहले सभी व्यवस्थाओं को दुरस्त करने के लिए खाका तैयार करने में जुट गया है। आप इन तस्वीरों में साफ देख सकते हैं कि कैसे इस विश्व धरोहर के पैदल रूट में ग्लेशियर पसरे हुए हैं, अब इन हिमखंडों के बीच से पार्क प्रशासन द्वारा घाटी में आवाजाही हेतु रास्ता तैयार किया जाएगा। इन ग्लेशियरों के उपर से गुजरना फूलों की घाटी आने वाले पर्यटकों को रोमांचित कर देगा। आज से दरअसल इसबार शुरुआत में फूलों की घाटी का दीदार करने आने वाले पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को जून माह में घाटी के अंदर मुख्य प्रवेश द्वार से आगे दो जगहों पर बड़े बड़े विशाल ग्लेशियर घाटी के पैदल रूट पर पसरे दिखेंगे। जिनको काट कर पैदल रास्ता सुचारू करने का कार्य भी 1 जून से पूर्व पार्क प्रबन्धन द्वारा संपन्न कर दिया जाएगा। वहीं इस बार देर तक बर्फबारी होने से घाटी में शुरुआती माह में फूलों की महक कम देखने को मिल सकती है। हालांकि बाद में घाटी अपने शबाब पर होगी, पार्क कर्मी स्थित का जायजा लेने के बाद अब ग्लेशियर प्वाइंट वाले रूट पर वैकल्पिक रूट तैयार करने जा रहे ताकि पार्क की टीम घाटी में रेकी हेतु टिपरा खर्क तक ही आगे बढ़ सके।