ऊखीमठ : चोपता में पानी का गहराया संकट, टैंकरों से बूझाई जा रही प्यास

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी

ऊखीमठ : चोपता – तुंगनाथ – तल्ला नागपुर पेयजल योजना के रख – रखाव व मरम्मत पर जल निगम व जल संस्थान द्वारा प्रति वर्ष करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाया तो जाता है मगर पेयजल योजना पर पानी की आपूर्ति सुचारू न होने से चोपता मुख्य बाजार सहित क्षेत्र के अन्य गांवों में भारी पेयजल संकट गहराने लगा है। जल संस्थान द्वारा टैंकरों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति करने के लिए दो टैंकर लगाये गये हैं मगर टैंकरों से होने वाली सप्लाई नियमित न होने से ग्रामीण बूंद – बूंद पानी के लिए मोहताज होने लगे है। आलम यह है कि ग्रामीणों व व्यापारियों को मीलों दूर प्राकृतिक जल स्रोतों पर निर्भर रहते पड़ रहा है तथा प्राकृतिक जल स्रोतों के जल स्तर पर भारी गिरावट आने से अब ग्रामीण प्रकृति व कुदरत को कोसने के लिए विवश हो गयें है। चोपता क्षेत्र में भारी पेयजल संकट गहराने से व्यापारियों का व्यापार व ग्रामीणों की दिनचर्या खासी प्रभावित होने लगी है। व्यापारियों व ग्रामीणों को बूंद – बूंद पानी के लिए तरसने के कारण ग्रामीणों ने आन्दोलन व चक्काजाम का मन बना लिया है। व्यापारियों व ग्रामीणों के साथ मवेशियों को भी प्राप्त मात्रा में पानी न मिलने से ग्रामीणों का पशुपालन व्यवसाय से भी धीरे – धीरे मोह भंग होने लगा है।

बता दें कि तल्ला नागपुर के विभिन्न गांवों को पेयजल आपूर्ति सुचारू करने के लिए 80 के दशक में कई करोड़ों रुपये की लागत से तुंगनाथ – चोपता – तल्ला नागपुर पेयजल योजना का निर्माण किया गया था मगर पेयजल योजना के निर्माण में लाखों रुपये का वारा – न्यारा होने से पेयजल योजना का विवादों में रहने का दशकों से नाता रहा है। जल निगम व जल संस्थान द्वारा समय – समय पर पेयजल योजना के रख – रखाव व मरम्मत पर प्रति वर्ष लाखों रुपये खर्च तो किये जाते हैं मगर पेयजल की मरम्मत के लिए स्वीकृति धनराशि का धरातलीय क्रियावयन न होने से तल्ला नागपुर क्षेत्र में पेयजल में संकट गहराना आम बात हो गयी है।जल संस्थान विभाग द्वारा दो टैंकरों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति करने के प्रयास तो किये जा रहे हैं मगर आबादी की तुलना टैंकरों की क्षमता कम होने से पेयजल संकट गहराना आम बात हो गयी है। स्थानीय व्यापारी दिनेश नेगी ने बताया कि पेयजल आपूर्ति के नाम पर दोनों विभागों द्वारा प्रति वर्ष लाखों रुपये व्यय तो किये जाते हैं मगर पेयजल आपूर्ति के लिए स्वीकृति धनराशि की बंदरबांट होने से ग्रामीणों को बूंद – बूंद पानी के लिए मोहताज होना पड़ रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता पंचम सिंह नेगी ने बताया कि टैंकरों की सप्लाई का समय व तिथि निर्धारित न होने से व्यापारियों व ग्रामीणों को बूंद – बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते पेयजल आपूर्ति सुचारू नहीं हुई तो व्यापारियों व ग्रामीणों आन्दोलन व चक्काजाम के लिए विवश होना पड़ेगा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन – प्रशासन की होगी। कुण्डा निवासी उर्मिला देवी ने बताया कि डेढ़ माह से क्षेत्र में भारी पेयजल संकट है। सुलोचना देवी का कहना है कि सरकार व प्रशासन मौन बैठा है, हमारी आवाजों को कैद रखा जा रहा है इसलिए आन्दोलन के अलावा कोई उपाय नहीं है।

Next Post

पीपलकोटी : मायके में अंतिम बार मतदान कर ससुराल के लिए विदा हुई सोनम 

लोकतंत्र की सबसे खूबसूरत तस्वीर : मायके में अंतिम बार मतदान कर ससुराल के लिए विदा हुई सोनम  ग्राउंड जीरो से संजय चौहान सुदूर पहाड़ से एक खूबसूरत तस्वीर आई है जिसमें लोकतंत्र के महाकुंभ में एक बेटी नें ससुराल जाने से पहले अपनें मायके में अंतिम बार मतदान कर […]

You May Like