लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : पीएमजीएसवाई पल्द्वाणी – डुगर सेमला – कुनालिया मोटर मार्ग पर किमी 6 में 18 मीटर स्पान स्ट्रील गार्डर सेतु का निर्माण अधर में लटकने से ग्रामीणों में विभाग व कार्यदाही संस्था के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है जो कि कभी भी सड़कों पर फूट सकता है। ग्रामीणों द्वारा शासन – प्रशासन, पीएमजीएसवाई व कार्यदाही संस्था को बार – बार अवगत कराने के बाद भी सेतु का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है। सेतु का निर्माण कार्य शुरू होते समय काकडागाड – पल्द्वाणी सहित गांवों के अन्य पैदल सम्पर्क मार्ग भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होने के कारण ग्रामीणों व स्कूली नौनिहालों का जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने पड़ रही है तथा काश्तकारों के खेतों को भूधंसाव का खतरा बना हुआ है।
बता दें कि पीएमजीएसवाई के पल्द्वाणी – डुगर सेमला – कुनालिया मोटर मार्ग पर किमी 6 पर विभाग द्वारा लगभग 1 करोड़ 36 लाख 21 हजार रुपये की लागत से 18 मीटर स्पान स्ट्रील गार्डर सेतु का निर्माण 3 मार्च 2022 को शुरू किया गया था मगर लम्बा समय व्यतीत होने के बाद भी सेतु का निर्माण अधर में लटकने से विभाग कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है तथा सेतु का निर्माण अधर लटकने से ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है। प्रधान भींगी शान्ता रावत ने बताया कि शासन – प्रशासन, पीएमजीएसवाई तथा कार्यदाही संस्था को बार – बार अवगत कराने के बाद भी सेतु का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है। प्रधान डुगरसेमला प्रर्मिला देवी का कहना है कि बरसात के समय गरवाली गरेर के उफान में आने के कारण ग्रामीणों व जी आई सी पल्द्वाणी में अध्ययनरत नौनिहालों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ती है तथा कई वाहन हादसे का शिकार होने से बाल – बाल बचे है। पूर्व प्रधान पुष्कर सिंह रावत ने बताया कि सेतु के निर्माण से काकडागाड – पल्द्वाणी सहित अन्य पैदल मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं तथा काश्तकारों की जमीन को भूधंसाव का खतरा बना हुआ है। ग्रामीण नीमा देवी, गोदाम्बरी देवी व उषा देवी का कहना है कि यदि समय रहते निर्माणाधीन सेतु का कार्य पूरा नहीं किया गया तो ग्रामीणों को सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होना पड़ेगा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन, प्रशासन, पीएमजीएसवाई व कार्यदाही संस्था की होगी।