ऊखीमठ : निर्दलीय प्रत्याशी कुब्जा धर्म्वाण के लंबे संघर्षों की हुई जीत

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी 

ऊखीमठ : नगर पंचायत नवनिर्वाचित अध्यक्ष कुब्जा धर्म्वाण का जीवन हमेशा संघर्षों भरा रहा है तथा जीवन के लम्बे संघर्षों ,राजनीति अनुभव व मृदुल व्यवहार के कारण उन्हें नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर सुशोभित होने का सुनहरा अवसर मिला है । कांग्रेस पार्टी के लिए जीवन भर अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाली कुब्जा धर्म्वाण के लिए कांग्रेस प्रदेश संगठन ने उनकी अनदेखी की है मगर नगर पंचायत के चारो वार्डों से उन्हें क्षमता से अधिक मत मिलने से स्पष्ट हो गया है कि उन्होंने आजीवन समाज के लिए सजग प्रहरी की तरह जनमानस की सेवा की है।

नवनिर्वाचित अध्यक्ष कुब्जा धर्म्वाण के नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होने के लिए चुन्नी मंगोली की एकता व हर कार्यकर्ता की कड़ी मेहनत की बदौलत उन्हें जीत हासिल हुई है । नवनिर्वाचित अध्यक्ष कुब्जा धर्म्वाण के मृदुल व्यवहार की चर्चा नामांकन के बाद शुरू हो गयी थी जो आज भी बरकरार है। नवनिर्वाचित अध्यक्ष 56 वर्षीय कुब्जा धर्म्वाण की शिक्षा एम ए अर्थशास्त्र तक है । 13 फरवरी 2004 में उन्हें उत्तराखंड महिला कांग्रेस द्वारा प्रदेश सचिव की जिम्मेदारी दी गयी थी। 30 मई 2005 में उन्हें कांग्रेस ऊखीमठ ब्लॉक अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गयी थी उनकी कार्यकुशलता व संगठन के प्रति त्याग व समर्पण की भावना को देखते हुए कांग्रेस प्रदेश संगठन द्वारा 1 अगस्त 2010 में उन्हे पुन: ब्लॉक अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गयी तथा नवनिर्वाचित नगर पंचायत अध्यक्ष कुब्जा धर्म्वाण के तीन बार कांग्रेस संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष पद पर आसीन रहते हुए कांग्रेस संगठन को मजबूती मिली है। उन्होंने कांग्रेस संगठन मे प्रदेश कार्य समिति सदस्य के रूप मे भी संगठन के लिए कार्य किया है। राज्य गठन के बाद वर्ष 2003 में सम्पन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उन्हें जिले पंचायत के ऊखीमठ वार्ड से 268 मतों से हार का सामना करना तथा वर्ष 2014 में एक बार जिला पंचायत के कालीमठ वार्ड पर एक बार फिर उन्हें मात्र 51 मतों से हार का सामना करना पड़ा। नवनिर्वाचित नगर पंचायत अध्यक्ष कुब्जा धर्म्वाण ने इस बार कांग्रेस संगठन से अधिकृत होने से अपने प्रबल दावेदारी की थी मगर कांग्रेस प्रदेश संगठन के कुछ शीर्ष नेतृत्व द्वारा उनकी अनदेखी करने के कारण उन्होने निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बनाया तथा आज उन्हे मंजिल हासिल हुई है। प्रदेश कांग्रेस संगठन द्वारा उनकी अनदेखी की हो मगर ओंकारेश्वर वार्ड में उन्हें 365 मत मिलने से स्पस्ट हो गया है कि ओंकारेश्वर वार्ड के जनमानस ने उनके प्रति सहानुभूति दिखाकर उनके पक्ष में मतदान किया है। नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर विजय मिलने के बाद उन्हे बधाई देने वालों का तांता लगने से स्पष्ट हो गया है कि मृदुल व्यवहार के प्रति आम जनता के दिलों में उनके लिए जगह है जिसकी बदौलत उन्हें लम्बे संघर्षों के बाद नगर पंचायत की कुर्सी पर आसीन होने का सौभाग्य मिला।

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