ऊखीमठ: जीआईसी घिमतोली में प्रधानाचार्य सहित महत्वपूर्ण शिक्षकों के पद रिक्त होने नौनिहालों का भविष्य हो रहा प्रभावित – पहाड़ रफ्तार

Team PahadRaftar

ऊखीमठ : तल्ला नागपुर के सीमान्त जीआईसी घिमतोली में लम्बे समय से प्रधानाचार्य सहित महत्वपूर्ण शिक्षकों के पद रिक्त होने से नौनिहालों का पठन – पाठन खासा प्रभावित होने के साथ विद्यालय में तैनात शिक्षकों को अतिरिक्त भार उठाना पड़ रहा है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों व पीटीए द्वारा लम्बे समय से रिक्त पदों पर भरपाई की मांग की जा रही है मगर शिक्षा निर्देशालय द्वारा आज तक रिक्त पदों पर भरपाई न होने से अभिभावकों में आक्रोश बना हुआ है, जो कि कभी सड़कों पर फूट सकता है। 290 छात्र संख्या वाले जीआईसी घिमतोली को वर्ष 1984 में हाई स्कूल व वर्ष 1992 में इन्टर का दर्जा मिला था। 90 के दशक में जीआईसी घिमतोली खडपतियाखाल से लेकर कनकचौरी तक का केन्द्र बिन्दु था। वर्तमान समय में जीआईसी घिमतोली में राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र व रसायन विज्ञान के प्रवक्ताओं के साथ ही एलटी में सामाजिक विज्ञान के पद रिक्त होने से नौनिहालों का पठन – पाठन खासा प्रभावित हो रहा है। 1 अप्रैल 2019 को प्रधानाचार्य सुखदेव गौतम के सेवानिवृत्त होने के बाद से प्रधानाचार्य का पद रिक्त होने से विद्यालय में तैनात अध्यापकों को अतिरिक्त भार के साथ विद्यालय की पठन – पाठन की व्यवस्थाएं संचालित करने पड़ रही है। पूर्व में इस विद्यालय में चार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तैनात थे मगर तीन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने से विद्यालय की अन्य व्यवस्थाएं एकल चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के भरोसे संचालित हो रही है। क्षेत्र पंचायत सदस्य घिमतोली अर्जुन नेगी ने बताया कि विद्यालय रिक्त पदों की भरपाई के लिए कई बार शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। मगर रिक्त पदों पर भरपाई न होने से नौनिहालों का पठन – पाठन खासा प्रभावित हो रहा है। प्रधान बसन्ती देवी ने बताया कि विद्यालय में महत्वपूर्ण अध्यापकों के पद रिक्त होने से विद्यालय में तैनात अध्यापकों की अतिरिक्त भार उठाना पड़ रहा है। पीटीए अध्यक्ष बीरेन्द्र सिंह नेगी का कहना है कि यदि समय रहते विद्यालय में रिक्त पदों की भरपाई नहीं हुई तो अभिभावकों को नौनिहालों के हितों के लिए सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होना पड़ेगा, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शिक्षा विभाग व शासन – प्रशासन की होगी।

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