लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के केन्द्रीय संयुक्त मंत्री प्रकाश भट्ट ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से भेंटकर क्षेत्र के विद्यालयों में रिक्त चल रहे अध्यापकों की तैनाती तथा तुंगनाथ घाटी के विभिन्न स्थानों पर गत 10 अगस्त को आकाशकामिनी नदी के उफान में आने के कारण विभिन्न स्थानों पर हुए भूस्खलन से हुई नुकसान के ट्रीटमेंट की मांग की जिस पर मुख्य सचिव ने उन्हें आश्वासन दिया कि शीघ्र ही शिक्षा निदेशालय द्वारा विभिन्न विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की तैनाती की जा रही है तथा आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान का आकणन तैयार करने के निर्देश जिला प्रशासन को दिये गये हैं। उत्तराखंड क्रान्ति दल के केन्द्रीय संयुक्त सचिव प्रकाश भट्ट ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से भेंटकर जीआईसी त्रियुगीनारायण, जीआईसीरासी सहित विभिन्न विद्यालयों में रिक्त अध्यापकों पर तैनाती की मांग करते हुए कहा कि जी आई सी त्रियुगीनारायण में पांच प्रवक्ताओं व पांच एल टी के पद रिक्त चल रहें हैं जबकि विद्यालय में 300 नौनिहाल अध्ययनरत है। उन्होंने बताया कि जी आई सी रासी में मात्र एक शिक्षा मित्र प्रवक्ता तैनात है जबकि जी आई सी राऊलैंक, मक्कू सहित विभिन्न विद्यालयों में महत्वपूर्ण शिक्षकों के पद रिक्त होने से नौनिहालों का पठन – पाठन खासा प्रभावित हो रहा है। उत्तराखंड क्रान्ति दल के केन्द्रीय सयुंक्त मंत्री प्रकाश भट्ट ने बताया कि गत 10 अगस्त को तुंगनाथ घाटी में आकाशकामिनी नदी के उफान में आने के कारण ताला तोक में भूस्खलन होने से कई दर्जनों परिवार , होटल,ढाबे, टैन्ट खतरे की जद में आ गयें तथा कुण्ड – चोपता नेशनल हाईवे भी धीरे – धीरे धसने लगा है। मस्तूरा तोक के निचले हिस्से में भूस्खलन होने से भविष्य में जी आई सी दैडा़ खतरे की जद में आ सकता है तथा मस्तूरा – दैडा़ वैकल्पिक पैदल मार्ग के क्षतिग्रस्त होने से विभिन्न गांवों के ग्रामीणों द्वारा श्रमदान कर वैकल्पिक पैदल मार्ग को आवाजाही लायक बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत मक्कू के ग्वाड दिलढा के अन्तर्गत विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन होने से दर्जनों परिवारों पर कभी भी प्रकृति का कहर बरस सकता है तथा पल्द्वाणी – डुगर सेमला मोटर मार्ग पर आकाशकामिनी नदी पर बनी पैदल पुलिया की सुरक्षा दीवाल क्षतिग्रस्त होने तथा मोटर पुल का निर्माण कार्य अधर में लटकने के जी आई सी पल्द्वाणी में अध्ययनरत नौनिहालों को जान जोखिम में डालकर लकड़ी की सीढ़ी से आवाजाही करनी पड़ रही है।