लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : एस एस बी गुरिल्ला प्रशिक्षितों ने अपने तीन सूत्रीय मांगों पर अमल न होने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव बहिष्कार का निर्णय लिया है। गुरिल्ला संगठन का कहना है कि यदि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी केन्द्र व प्रदेश सरकार तीन सूत्रीय मांगों पर अमल नही करती है तो गुरिल्ला संगठन आर – पार की लड़ाई लड़ने के लिए बाध्य हो जायेगें। साथ ही गुरिल्ला संगठन ने सुप्रीम कोर्ट के लिए सभी दस्तावेज जमा कर दिये है जिन्हें आगामी 19 जुलाई को अधिवक्ता के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में जमा किया जायेगा। सुप्रीम कोर्ट के लिए सभी गुरिल्लाओं के दस्तावेज जमा करने के बाद ब्लॉक सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए गुरिल्ला संगठन की जिलाध्यक्ष बसन्ती रावत ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में कुछ गुरिल्ला प्रशिक्षतों का समायोजन विभिन्न विभागों में किया गया था मगर प्रदेश में भाजपा की सरकार सत्तासीन होते ही उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया है जिससे उनके संमुख रोजी – रोटी का संकट बना हुआ है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के फरमान के बाद भी केन्द्र व प्रदेश सरकार मौन बैठी हुई है इसलिए गुरिल्ला संगठन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के साथ ही आगामी लोक सभा चुनाव बहिष्कार का मन बना लिया है। गुरिल्ला संगठन प्रदेश सलाहकार आनन्द सिंह रावत ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसला गुरिल्ला संगठन के हित में होने के बाद भी केन्द्र व प्रदेश सरकार उनकी तीन सूत्रीय मांगों पर अमल करने के बजाय हाईकोर्ट के फैसले को फाइलों में कैद रखने के स्पष्ट हो गया है कि केन्द्र व राज्य सरकार हाईकोर्ट के फैसले की अवहेलना कर रही है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी गुरिल्ला संगठन को न्याय न मिलने से आज उन्हें सुप्रीम कोर्ट की शरण लेनी के लिए मजबूर होना पड़ा है। गुरिल्ला संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष हरिकृष्ण गोस्वामी ने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला तो गुरिल्ला संगठन को आगामी लोक सभा चुनाव बहिष्कार के साथ ही आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर होना पडे़गा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन – प्रशासन की होगी! इस मौके पर बीरेन्द्र धिरवाण, रजपाल सिंह, बीरेन्द्र सिंह, वीरपाल सिंह, उमेद सिंह, सुशीला देवी, महिपाल सिंह, रणजीत सिंह सहित पांच दर्जन से अधिक एस एस बी गुरिल्ला प्रशिक्षित मौजूद रहे।