ऊखीमठ : तुंगनाथ घाटी के आपदा प्रभावितों का जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त, प्रशासन ने नहीं ली सुध तो ग्रामीणों ने श्रमदान कर बनाया पैदल मार्ग

Team PahadRaftar

ऊखीमठ : तुंगनाथ घाटी के आपदा प्रभावितों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। ताला तोक ने निचले हिस्से में लगातार भूस्खलन होने से ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने शुरू हो गये है। भूस्खलन से काश्तकारों की खेतों व फसलों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। स्थानीय प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की मदद न मिलने से ग्रामीणों ने श्रमदान कर क्षतिग्रस्त पैदल मार्गों की मरम्मत शुरू कर दी है।

पल्द्वाणी – डुगर सेमला मोटर मार्ग पर आकाशकामिनी नदी पर निर्माणाधीन मोटर पुल पर ग्रामीणों द्वारा लकड़ी की सीढ़ी बनाकर पुल में आवाजाही शुरू तो कर दी है मगर स्कूली नौनिहालों को सीढ़ी पर चढ़कर आवाजाही करना जोखिम भरा है। ग्वाड दिलढा में भी लगातार भूस्खलन होने से ग्रामीणों पर कभी भी प्रकृति का कहर बरस सकता है।

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पूर्व विधायक मनोज रावत ने भी आपदा प्रभावितों क्षेत्रों का भ्रमण कर ग्रामीणों के दुख – दर्दों को जानकर यथा सम्भव मदद दिलवाने का आश्वासन दिया। तुंगनाथ घाटी के विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन से भारी नुकसान होने के चार दिन बाद भी तहसील प्रशासन के उच्चाधिकारियों के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में न पहुंचने से स्पष्ट हो गया है कि स्थानीय तहसील प्रशासन आपदा प्रभावितों के प्रति गम्भीर नही है। जानकारी देते हुए प्रधान उषाडा कुवर सिंह बजवाल ने बताया कि आकाशकामिनी नदी का जल स्तर लगातार उफान पर है तथा ताला तोक के निचले में भूस्खलन जारी रहने से ताला तोक को लगातार खतरा बना हुआ है। उन्होंने बताया कि खतरे की जद में आये परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है तथा भूस्खलन के कारण कुण्ड – चोपता नेशनल हाईवे लगातार धस रहा है। प्रधान मक्कू विजयपाल नेगी ने बताया कि ग्वाड ढिलणा के कई स्थानों पर हुए भूस्खलन से कई दर्जनों परिवारों पर कभी भी प्रकृति का कहर बरस सकता है तथा दुर्गाधार – मक्कू मोटर मार्ग जगह – जगह क्षतिग्रस्त होने से मोटर मार्ग पर विगत चार दिनों से आवाजाही ठप है। प्रधान दैडा़ योगेन्द्र नेगी ने बताया कि भूस्खलन से क्षतिग्रस्त मस्तूरा – दैडा़ वैकल्पिक पैदल मार्ग पर दैडा़, हूण्हू, कर्णधार काण्डा व बरंगाली के ग्रामीणों द्वारा श्रमदान कर पैदल मार्ग को आवाजाही लायक बनाया जा रहा है मगर आज तक तहसील प्रशासन के उच्चाधिकारी आपदा से हुई क्षति का स्थलीय निरीक्षण करने नहीं पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों द्वारा श्रमदान कर पैदल मार्ग को आवाजाही लायक बनाया जा रहा है।

जिला पंचायत सदस्य रीना बिष्ट ने बताया कि पल्द्वाणी – डुगर सेमला मोटर मार्ग पर पैदल पुल की सुरक्षा दीवाल क्षतिग्रस्त होने से पुल में आवाजाही पूर्णतया ठप हो गयी थी तथा निर्माणाधीन मोटर पुल का निर्माण कार्य अधर में लटकने के कारण मंगलवार को प्रमोद चौधरी, अरविन्द रावत, बलवन्त चौधरी यशवन्त चौधरी, नरेन्द्र रावत व अमित रावत के सहयोग से निर्माणाधीन मोटर पुल पर लकड़ी की सीढ़ी लगाकर आवाजाही लायक बना तो दिया गया है मगर सीढ़ी पर स्कूली नौनिहालों की आवाजाही करना जोखिम भरा है।

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