ऊखीमठ : तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट बुधवार को श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे, उत्सव डोली पहुंची चोपता

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी

ऊखीमठ : पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भूतनाथ मन्दिर से कैलाश के लिए रवाना हो गई है। तथा देर सांय भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचने पर स्थानीय व्यापारियों व देश – विदेश के श्रद्धालुओं ने डोली का भव्य स्वागत किया। भूतनाथ मन्दिर से डोली के कैलाश रवाना होने पर महिलाओं ने मांगल गीतों व भक्तों ने बाबा शंकर के उदघोषों से अगुआई। कल भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से रवाना होकर विभिन्न सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए धाम पहुंचेगी तथा भगवान तुंगनाथ के कपाट वेद ऋचाओं के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेगें। मंगलवार को भूतनाथ मन्दिर मक्कूमठ में ब्रह्म बेला पर विद्धान आचार्यों ने पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजाएं सम्पन्न कर भगवान तुंगनाथ सहित तैतीस कोटी देवी – देवताओं का आवाहन किया! ठीक 10 बजे भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली का भव्य श्रृंगार कर आरती उतारी तथा भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ने भूतनाथ मन्दिर की तीन परिक्रमा कर कैलाश के लिए रवाना हुई। भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश रवाना होने पर भक्तों ने पुष्प, अक्षत्रों से अगुवाई की तथा लाल – पीले वस्त्र अर्पित कर विश्व समृद्धि की कामना की। भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ने खेत – खलिहानों में नृत्य कर पावजगपुडा गाँव पहुंची जहाँ पर ग्रामीणों ने परम्परानुसार अर्ध्य अर्पित कर क्षेत्र के खुशहाली की कामना की। भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के चिलियाखोड़, पगेर, बनियाकुण्ड व चोपता यात्रा पड़ावों पर पहुंचने पर स्थानीय व्यापारियों व देश – विदेश के श्रद्धालुओं ने भव्य स्वागत किया। इस मौके पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित, मठापति राम प्रसाद मैठाणी, प्रबन्धक बलवीर सिंह नेगी, अतुल मैठाणी, विजय भारत मैठाणी, विनोद मैठाण, प्रकाश मैठाणी, रवीन्द्र मैठाणी, हरि बल्लभ मैठाणी,चन्द्र मोहन बजवाल, सहित विभिन्न गांवों के हजारों श्रद्धालु व हक – हकूकधारी मौजूद रहे।

Next Post

भारत में भूले बिसरे मोटे अनाज की खेती की सुगबुगाहट फिर शुरू

भारत में भूले बिसरे मोटे अनाज की खेती की सुगबुगाहट डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला एक बड़ी कुपोषित आबादी की मुश्किल चुनौती से निपटने के लिए सबसे कारगर तरीका है मोटे अनाजों का सेवन। हरित क्रांति से पहले यही अनाज जीवन आधार हुआ करते थे, लेकिन समय के साथ ये चलन से […]

You May Like