ऊखीमठ : मद्महेश्वर यात्रा मार्ग मौरखडां नदी पर अस्थाई लकड़ी का पुल बना, यात्रा फिर शुरू

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी

ऊखीमठ : द्वितीय केदार मदमहेश्वर यात्रा के आधार शिविर बनातोली में मौरखडां नदी पर अस्थायी लकड़ी का पुल बनने के बाद प्रति दिन 12 से 15 तीर्थ यात्री मदमहेश्वर धाम पहुंच रहे हैं। मदमहेश्वर धाम की यात्रा दुबारा शुरू होने से मदमहेश्वर धाम सहित यात्रा पड़ावों पर रौनक लौटने लगी है तथा व्यापारियों के चेहरे खिल उठे हैं। मदमहेश्वर यात्रा के आधार शिविर बनातोली में लोक निर्माण विभाग द्वारा ट्रॉली का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है। वहीं एक वर्ष बाद भी बनातोली में मोरखडां नदी पर स्थायी पुल का निर्माण न होने पर गौण्डार के ग्रामीणों ने शासन – प्रशासन पर मदमहेश्वर धाम व सीमान्त गाँव गौण्डार की उपेक्षा का आरोप लगाया है।

बता दें कि विगत वर्ष 14 अगस्त को मदमहेश्वर यात्रा के आधार शिविर बनातोली के ऊपरी हिस्से में आकाशीय बिजली गिरने के कारण मोरखडां नदी का जल स्तर में भारी वृद्धि होने से मोरखडां नदी पर लगभग 60 के दशक में बना लोहे का गार्डर पुल नदी में समा गया था। तब प्रशासन द्वारा मदमहेश्वर धाम सहित यात्रा पड़ावों पर फसे सैकड़ों तीर्थ यात्रियों को हेलीकॉप्टर से रेक्स्यू कर रासी गाँव पहुंचाया गया था कुछ दिनों बाद ग्रामीणों व लोक निर्माण विभाग के प्रयासों से मोरखडां नदी पर लकड़ी का अस्थायी पुल बनाकर आवाजाही शुरू कर दी गयी थी। इस वर्ष 26 जुलाई मदमहेश्वर यात्रा के आधार शिविर बनातोली में मोरखडां नदी पर बना अस्थायी पुल मोरखडां नदी की तेज धाराओं में समाने से मदमहेश्वर धाम की यात्रा प्रभावित हो गयी थी। अस्थायी पुल बहने के बाद मदमहेश्वर धाम सहित यात्रा पड़ावों पर फंसे 106 तीर्थ यात्रियों का हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर रासी गाँव पहुंचाया गया था। दो अगस्त को लोक निर्माण विभाग व गौण्डार के ग्रामीणों द्वारा मधु गंगा पर अस्थायी पुल का निर्माण कर आवाजाही शुरू हो गयी थी तथा तीर्थ यात्रियों का नौ सदस्यीय तीर्थ यात्रियों का पहला दल मदमहेश्वर धाम के लिए रवाना हुआ था। वर्तमान समय में प्रतिदिन 12 से 15 तीर्थ यात्री मदमहेश्वर धाम पहुंच रहे हैं। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य शिवानन्द पंवार ने बताया कि मदमहेश्वर धाम में तीर्थ यात्रियों की आवाजाही शुरू होने से यात्रा पड़ावों पर रौनक लौटने लगी है तथा व्यापारियों की उम्मीद की किरण जगने लगी है। मदमहेश्वर धाम के व्यापारी भगत सिंह पंवार ने बताया कि मदमहेश्वर धाम की यात्रा दुबारा शुरू करने में गौण्डार के ग्रामीणों का अहम योगदान रहा है। वहीं दूसरी ओर प्रधान गौण्डार बीर सिंह पंवार ने शासन – प्रशासन पर मदमहेश्वर धाम व सीमान्त गाँव गौण्डार की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ केन्द्र व प्रदेश सरकार तीर्थ स्थलों के चहुमुखी विकास के साथ सीमान्त गांवों में विकास की किरण पहुंचाने का दावा कर रही है दूसरी तरफ मोरखडां नदी पर एक वर्ष बाद भी स्थायी पुल का निर्माण न होने से तीर्थ यात्री, ग्रामीण व व्यापारी जान हथेली पर रखकर अस्थायी पुल से आवाजाही करने के लिए विवश बने हुए हैं।

Next Post

चमोली : डीएम ने ली राजस्व स्टॉफ की मासिक समीक्षा बैठक

डीएम ने ली राजस्व स्टॉफ की मासिक समीक्षा बैठक, दिए आवश्यक दिशा निर्देश चमोली : जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में राजस्व स्टाफ की मासिक समीक्षा बैठक ली। जिलाधिकारी ने बैठक में राजस्व व रेगुलर पुलिस, खनन, परिवहन, आबकारी विभाग, दैवीय आपदा, राजस्व वसूली, विवादित वाद आदि […]

You May Like