लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : पंच कार्यवारियान हक – हकूकधारी समिति मद्महेश्वर धाम गौण्डार की 11 सूत्रीय मांगों पर विगत चार वर्षों से अमल न होने पर बदरी – केदार मन्दिर समिति व हक – हकूकधारी समिति आमने – सामने हो गयी है तथा हक – हकूकधारी समिति ने 11 सूत्रीय मांगों पर अमल न होने पर विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी भगवान मद्महेश्वर की भोग पूजा सामाग्री मन्दिर समिति के बजाय ग्रामीणों के सहयोग अर्पित करने का मन बना लिया है। हक – हकूकधारी समिति का कहना है कि 11 सूत्रीय मांगों पर अमल करने के लिए मन्दिर समिति के अधिकारियों, पदाधिकारियों व प्रशासन से कई बार गुहार लगाई गयी है मगर आज तक उन्हें कोरे आश्वासन ही मिले हैं।
बता दे कि पंच कार्यवारियान हक – हकूकधारी समिति मद्महेश्वर धाम गौण्डार ने वर्ष 2021 में बदरी केदार मन्दिर समिति के अधिकारियों व पदाधिकारी को 11 सूत्रीय ज्ञापन सौंप कर सम्पूर्ण हक दस्तुरातो को पूर्व की भांति अधिकारों का ताम्रपत्र प्राप्त करवाने, पंच कार्यवारियान का नौकरीकरण न करने, धाम में यज्ञ संपन्न कराने हेतु विद्वान पण्डित की तैनाती करने, बदरी – केदार उप समिति में हक – हकूकधारियों को नामित करने, विद्यापीठ फार्मेसी में योग्यता के आधार पर एक सीट देने, पंच कार्यवारियान का बीमा करने, मदमहेश्वर धाम में बनी धर्मशाला में 50 प्रतिशत पंच कार्यवारियानियों का हक बरकरार रखने, मन्दिर समिति के अधिकारी, कर्मचारी का प्रत्येक तीन वर्ष में स्थानान्तरण करने सहित 11 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा था मगर आज तक 11 सूत्रीय ज्ञापन पर अमल न होने से पंच कार्यवारियान हक – हकूकधारियों में आक्रोश बना हुआ है। पंच कार्यवारियान हक – हकूकधारी समिति अध्यक्ष शिवानन्द पंवार का कहना है कि कई बार मन्दिर समिति के अध्यक्ष, मुख्य कार्याधिकारी से 11 सूत्रीय मांगों पर अमल करने की गुहार लगाई गयी है मगर हमें सिर्फ कोरे आश्वासन ही मिल रहें हैं। उपाध्यक्ष भगत सिंह पंवार ने बताया कि गौण्डार के ग्रामीण युगों से मद्महेश्वर धाम में अपने हकों का निर्वहन निःस्वार्थ भाव से निभा रहे हैं तथा मन्दिर समिति द्वारा हक – हकूकधारियों के हकों को देने में आनाकानी करना समझ से परे है। सचिव बीर सिंह पंवार, कोषाध्यक्ष कलम सिंह पंवार, मदन सिंह पंवार, भरत सिंह पंवार, बलवीर पंवार ने कहा कि यदि मद्महेश्वर धाम के कपाट खुलने से पूर्व 11 सूत्रीय मांगों पर अमल नही किया गया तो पंच कार्यवारियान हक – हकूकधारी समिति व ग्रामीणों को विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी भगवान मद्महेश्वर का भोग मन्दिर समिति के बजाय अपने संसाधनों से अर्पित करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी मन्दिर समिति की होगी।