लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गाँव पहुंच गयी है। शनिवार को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी तथा रविवार से भगवान मद्महेश्वर की शीतकालीन पूजा विधिवत शुरू होगी।
शुक्रवार को ब्रह्म बेला पर मदमहेश्वर धाम के प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग ने राकेश्वरी मन्दिर रासी में पंचाग पूजन के तहत भगवान मद्महेश्वर व मां राकेश्वरी सहित 33 कोटि देवी – देवताओं का आवाहन कर आरती उतारी तथा निर्धारित समय पर भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मन्दिर रासी से गिरीया गाँव लिए रवाना हुई! भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के उनियाणा, राऊलैक, बिरोली मनसूना, गिरीया गाँव सहित विभिन्न यात्रा पड़ाव आगमन पर ग्रामीणों ने पुष्प अक्षत्रो से भव्य स्वागत किया तथा लाल – पीले वस्त्र अर्पित कर व विभिन्न पूजा सामग्रियों से अर्घ्य अर्पित कर क्षेत्र के समृद्धि की कामना की । भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के मनसूना आगमन पर व्यापारियों, जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया तथा लाल – पीले वस्त्र अर्पित कर मनौती मांगी। शनिवार को ब्रह्म बेला पर सैकड़ों श्रद्धालु गिरीया गाँव में भगवान मदमहेश्वर के निर्वाण दर्शन कर विश्व समृद्धि की कामना करेगे तथा मंगोलचारी से शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर तक हजारों श्रद्धालु भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली की अगुवाई करेगें। वही दूसरी ओर भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से ऊखीमठ आगमन पर मन्दिर समिति द्वारा ओकारेश्वर मन्दिर को भव्य रूप से सजा दिया गया है।
मन्दिर समिति अधिकारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ आगमन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है तथा ओकारेश्वर मन्दिर को 8 कुन्तल फूलो से सजाया गया है। इस मौके पर प्रधान बीर सिंह पंवार,महावीर पंवार, कमलेन्द्र सिंह नेगी, राकेश नेगी, मदन भटट् , दिवारा यात्रा प्रभारी रमेश नेगी , डोली प्रभारी दीपक पंवार, देवानन्द गैरोला , शिव सिंह रावत,जगत सिंह पंवार, रवीन्द्र भटट्, मदन सिंह पंवार सहित गौण्डार, रासी व उनियाणा के हक – हकूकधारी, जनप्रतिनिधि, मन्दिर समिति के अधिकारी, कर्मचारी व ग्रामीण मौजूद रहे।