ऊखीमठ : द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर की उत्सव डोली ओंकारेश्वर मंदिर से शनिवार को कैलाश के लिए होगी रवाना

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी

उखीमठ : द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली शनिवार को अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से कैलाश के लिए रवाना होगी तथा 22 मई को भगवान मदमहेश्वर के कपाट वेद ऋचाओं व मंत्रोच्चारण के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए जायेगें। जानकारी देते हुए मन्दिर समिति प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि शनिवार को भगवान मदमहेश्वर के शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में मदमहेश्वर धाम के प्रधान पुजारी बांगेश लिंग द्वारा ब्रह्म बेला पर पंचाग पूजन के तहत भगवान मदमहेश्वर सहित तैतीस कोटि देवी – देवताओं का आवाहन किया जायेगा तथा भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को परम्परानुसार चल विग्रह उत्सव डोली में विराजमान किया जायेगा तथा दस्तूरधारी गांवों के ग्रामीणों द्वारा भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली का भव्य श्रृंगार कर आरती उतारी जायेगी। उन्होंने बताया कि भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर की परिक्रमा कर कैलाश के लिए से रवाना होकर डगवाडी, ब्राह्मण खोली होते हुए मंगोलचारी पहुंचेगी जहाँ पर ग्रामीणों द्वारा अर्ध्य अर्पित कर मनौती मांगेंगे तथा रावल भीमाशंकर लिंग सहित सैकड़ों श्रद्धालु मंगोलचारी तक भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली की अगुवाई करेंगे तथा भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली स्थानीय वाध्य यंत्रो की मधुर धुनों, महिलाओं के मांगलिक जागरो तथा सैकड़ों भक्तों की जयकारों के साथ सलामी, फापज, मनसूना, बुरुवा, राऊलैंक, उनियाणा सहित विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंचेगी तथा 21 मई को राकेश्वरी मन्दिर रासी से प्रस्थान कर अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गाँव पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि 22 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौण्डार गाँव से प्रस्थान कर बनातोली, खटारा, नानौ, मैखम्भा कूनचटटी यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए मदमहेश्वर धाम पहुंचेगी तथा डोली के धाम पहुंचने पर भगवान मदमहेश्वर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेगें। वेदपाठी विश्व मोहन जमलोकी ने बताया कि भगवान मदमहेश्वर का पावन धाम रासी गांव से लगभग 14 किमी दूर सुरम्य मखमली बुग्यालों के मध्य विराजमान है तथा मदमहेश्वर धाम में भगवान शंकर के मध्य भाग की पूजा की जाती है ! वेदपाठी नवीन मैठाणी ने बताया कि मदमहेश्वर धाम में पूजा – अर्चना करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है तथा भगवान मदमहेश्वर को न्याय का देवता माना जाता है। प्रधान गौण्डार बीर सिंह पंवार ने बताया कि आगामी 22 मई से शुरू होने वाली मदमहेश्वर यात्रा को लेकर स्थानीय जनता में भारी उत्साह बना हुआ है तथा यात्रा पड़ावों पर व्यापारियों ने अपने व्यापारिक प्रतिष्ठा सजाने शुरू कर दिये है। उन्होंने बताया कि मदमहेश्वर यात्रा पड़ावों पर 6 माह प्रवास करने वाले गौण्डार के ग्रामीणों का यात्रा पड़ावों की ओर रूख करने से यात्रा पड़ावों पर रौनक लौटने लगी है।

Next Post

ऊखीमठ: भोले के जयकारों के साथ द्वितीय केदार की उत्सव डोली कैलाश को हुई रवाना

संजय कुंवर द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर जी की उत्सव डोली ने आज प्रात: पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से मद्महेश्वर हेतु प्रस्थान किया। श्री मद्महेश्वर जी के कपाट 22 मई को खुलेंगे।   श्री मद्महेश्वर जी की उत्सव डोली नये अनाज का भोग लगने के बाद विधि-विधान से पंचकेदार […]

You May Like