रेस्क्यू अभियान पूरा, जल्द पैदल यात्रा दोबारा शुरू करना प्राथमिकता : मुख्यमंत्री,मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग पहुंचकर लिया अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा
हैली सेवाओं के माध्यम से यात्रा को हरी झंडी, प्रति टिकट 25 फीसदी छूट देगी राज्य सरकार, मौसम ठीक होते ही हैली कंपनियों को यात्रा शुरू करवाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों के लोगों, रेस्क्यू हुए लोगों, तीर्थ पुरोहितों सहित जनप्रतिनिधियों से की मुलाकात, यात्रा को दोबारा शुरू करने में स्थानीय लोगों का सहयोग लेने के दिए निर्देश
लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : केदारघाटी में अतिवृष्टि के चलते हुए नुकसान, रेस्क्यू एव बचाव कार्यों, यात्रा को दोबारा शुरू करने को चल रही तैयारियों की समीक्षा करने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रुद्रप्रयाग पहुंचे। इसके बाद उन्होंने अतिवृष्टि को लेकर संबंधित आधिकारी कर्मचारियों की समीक्षा बैठक ली। इससे पहले उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया। उन्होंने बताया कि श्री केदारनाथ धाम की यात्रा को पुनः संचालित करने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बताया कि श्री केदारनाथ धाम की यात्रा बुधवार से हैली के माध्यम से पुनः संचालित हो जाएगी। हैली सेवा के माध्यम से केदारनाथ दर्शन करने पहुंच रहे श्रद्धालुओं को किराए में 25 प्रतिशत छूट देने की घोषणा करते हुए कहा कि इसका वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक के दौरान यात्रा मार्ग से जुड़े सभी विभागों की समीक्षा करते हुए बारिश के चलते हुई क्षति की जानकारी ली। वहीं सभी विभागों को यात्रा शुरू करने के लिए उनके स्तर से किए जा रहे प्रयासों एव तैयारियों की जानकारी ली। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि अतिवृष्टि से 29 स्थानों पर भू-स्खलन की चपेट में आने से पैदल एव सड़क मार्ग कट हुआ है। इसके अतिरिक्त पेयजल व विद्युत की लाइनों सहित बड़ी मात्रा में सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा । कुछ स्थानों पर दूरसंचार की सेवाएं भी बाधित हुई हैं। उन्होंने बताया कि अतिवृष्टि की घटना के बाद से ही जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन तथा एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित अन्य संस्थाओं एवं जनप्रतिनिधियों, पंडा समाज, तीर्थ पुरोहित, धार्मिक व सामाजिक सरोकारों से जुड़े संगठनों ने मिलकर इस आपदा में पूरे मनोयोग से अभिनव प्रयास करते हुए इस रेस्क्यू अभियान में फंसे हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का कार्य किया है। उन्होंने यात्रा शुरू करने के लिए किए जाने वाले कार्यों में भी स्थानीय लोगों के सुझाव एव सहायता लेने के निर्देश जिलाधिकारी को दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रिकॉर्ड समय में 12 हजार से अधिक यात्री एव स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया गया है। रेस्क्यू अभियान लगभग पूर्ण हो चुका है। इसके बाद सरकार व जिला प्रशासन का अतिवृष्टि से प्रभावित हुए जनजीवन व प्रभावित क्षेत्र तथा जो सड़क मार्ग भू-स्खलन की चपेट में आए हैं उन्हें दुरुस्त करने पर है। इसके साथ-साथ वैकल्पिक मार्गों पर भी फोकस किया जा रहा है। इसके अलावा राज्य सरकार भी पूरे घटनाक्रम पर पैनी नजर रखे हुए है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रामपुर जीएमवीएन में स्थानीय लोगों से संवाद के दौरान कठिन परिस्थितियों में प्रशासन और सरकार के साथ कंधा से कंधा मिलाकर रेस्क्यू अभियान में योगदान देने के लिए सभी को धन्यवाद दिया। वहीं चौमासी प्रधान मुलायम सिंह सहित रुद्रप्रयाग प्रधान संगठन के अध्यक्ष सुभाष रावत, केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी सहित राहत कार्यों में सहयोग देने वाले अन्य लोगों का विशेष धन्यवाद दिया। इस अवसर पर उन्होंने प्रभावितों की सारी समस्याओं का समाधान करने का दिया आश्वासन।
केंद्र सरकार का आभार जताते हुए कहा कि अतिवृष्टि के बाद से ही केंद्रीय सरकार द्वारा चिनूक व एमआई हैलीकॉप्टर सहित हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई गई। इसके अलावा केदारघाटी में आई अतिवृष्टि के बाद राज्य सरकार द्वारा भी हर तरह से राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जिला प्रशासन को तत्परता से सर्च व रेस्क्यू ऑपरेशन करने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने जनपद प्रभारी मंत्री सहित स्थानीय विधायक, जनप्रतिनिधियों एवं सभी विभागीय अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि आपदा के बाद सामान्य जनजीवन के लिए सभी को आगे आकर सामूहिक योगदान देने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर जनपद प्रभारी मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव लोक निर्माण विभाग पंकज पांडेय, सचिव आपदा विनोद सुमन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, आईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल, जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रप्रयाग श्रीमती अमरदेई शाह, विधायक रुद्रप्रयाग श्री भरत चौधरी, राज्यमंत्री श्री चंडी प्रसाद भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष महिला मोर्चा भाजपा आशा नौटियाल, जिलाध्यक्ष भाजपा महावीर पंवार, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक डॉ विशाखा अशोक भदाणे, कमांडेंट एनडीआरएफ सुदेश कुमार, कमांडेंट एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद हैं।