लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : केदार घाटी में एक बार फिर मौसम ने करवट ले ली है। केदार घाटी के अधिकांश इलाकों में झमाझम बारिश होने से बढ़ती गर्मी से राहत मिली है। क्षेत्र के अधिकांश इलाकों में बारिश होना काश्तकारों की धान व साग – भाजी की फसलों के लिए शुभ माना जा रहा है। मूसलाधार बारिश होने के कारण ऊंचाई वाले इलाकों के तापमान में हल्की गिरावट महसूस होने लगी है। बारिश के कारण प्राकृतिक जल स्रोतों के जल स्तर पर वृद्धि होने के आसार बने हुए है तथा हिमालयी आंचल में बसे सुरम्य मखमली बुग्याल हरियाली के आच्छादित होने लगे है।
सोमवार को दोपहर बाद केदार घाटी के अधिकांश इलाकों में अचानक मौसम के करवट लेने से मूसलाधार बारिश शुरू हुई तो काश्तकारों के चेहरे खिल उठे साथ आम जनमानस को बढ़ते तापमान से भी राहत मिली। मूसलाधार बारिश होने के कारण काश्तकारों की धान, मडुवा, चौलाई तथा साग – भाजी की फसलों को मानकों के अनुसार पानी मिलने से काश्तकारों के चेहरे खिल उठे है। स्थानीय व्यापारी राय सिंह धर्म्वाण ने बताया कि क्षेत्र में मूसलाधार बारिश होने से आम जनमानस को बढ़ते तापमान से राहत मिली है। 6 माह टिंगरी के बुग्यालों में प्रवास करने वाले भेड़ पालक प्रेम भट्ट ने बताया कि मद्महेश्वर घाटी में मूसलाधार बारिश होने से ऊंचाई वाले इलाकों के तापमान में हल्की गिरावट महसूस होने लगी है। गैड बष्टी के काश्तकार बलवीर राणा ने बताया कि क्षेत्र में हुई मूसलाधार बारिश काश्तकारों की फसलों के लिए शुभ मानी जा रही है! ग्रामीण केशर सिंह नेगी ने बताया कि मूसलाधार बारिश होने से प्राकृतिक जल स्रोतों के जल स्तर में वृद्धि होनी की सम्भावना बनी हुई है। जल संस्थान के अवर अभियन्ता बीरेन्द्र भण्डारी ने बताया कि मूसलाधार बारिश से पेयजल योजनाओं के मूल स्रोतों पर हल्की वृद्धि होने से सभी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुचारू करने में सुविधा मिलेगी।