ऊखीमठ : केदारघाटी में बारिश व बर्फबारी से जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त, धान की बुआई प्रभावित

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी 

ऊखीमठ : केदार घाटी में विगत एक सप्ताह से मौसम के बार – बार करवट लेने से जनजीवन खासा प्रभावित हो गया है। तथा ग्रामीणों की दिनचर्या खासी प्रभावित हो गयी है।

केदारघाटी के हिमालयी क्षेत्रों में रूक – रूककर बर्फबारी होने तथा निचले भू-भाग में बारिश होने से तापमान मे भारी गिरावट महसूस होने लगी है। सीमांत क्षेत्रों के तापमान में भारी गिरावट महसूस होने से ग्रामीण घरों में कैद रहने के लिए विवश बने हुए हैं। हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी तथा निचले भूभाग मे बारिश होने से प्रकृति मे नव ऊर्जा का संचार होने के साथ प्राकृतिक जल स्रोतों के जल स्तर में वृद्धि देखने को मिल तो रही है मगर काश्तकारों की धान की बुवाई भी खासी प्रभावित हो गयी है। केदार घाटी के हिमालयी भू-भाग सहित ऊंचाई वाले इलाको मे बार – बार बर्फबारी होने से जंगलों में निर्भीक विचरण करने वाले विभिन्न प्रजाति के जीव- जन्तुओं का जीवन भी संकट में है।

बता दें कि केदार घाटी के अधिकांश इलाको मे विगत 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व पर मौसम के करवट ले ली थी तथा एक सप्ताह से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी हिमालयी क्षेत्रो मे बर्फबारी व निचले भू-भाग में बारिश का क्रम जारी रहने से जनजीवन खासा प्रभावित हो गया है तथा तापमान मे भारी गिरावट महसूस होने से सीमांत गांवों के ग्रामीण घरों में कैद रहने के लिए विवश बने हुए हैं। मदमहेश्वर घाटी गैड बष्टी के काश्तकार बलवीर राणा ने बताया कि घाटी में विगत कई दिनो से बारिश होने से तापमान मे भारी गिरावट महसूस होने लगी है तथा ग्रामीणों का कामकाज खासा प्रभावित होने लगा है। भटेश्वर वार्ड के काश्तकार बिक्रम रावत ने बताया कि हिमालय क्षेत्रों में विगत कई दिनो से रूक- रूककर हो रही बर्फबारी से प्रकृति में नव ऊर्जा का संचार तो होने लगा है मगर काश्तकारों की धान की बुवाई भी प्रभावित होने लगी है। ओंकारेश्वर वार्ड मंगोली गांव के काश्तकार राय सिंह धर्म्वाण ने बताया कि लगातार बारिश का क्रम जारी रहने से जनजीवन खासा प्रभावित हो गया है।

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