लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : वन विभाग रेंज अगस्त मुनि के तत्वावधान में तुंगनाथ घाटी के मक्कू बैण्ड में नव निर्मित शोभा स्थली की दीवाल पहली बरसात में धड़ाम होने से वन विभाग की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है। इस बाबत स्थानीय जनता ने जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। वन विभाग द्वारा आरक्षित वन क्षेत्र में दीवाल के निर्माण में सीमेन्ट का प्रयोग किस वन अधिनियम के तहत किया यह पहेली बनी हुई है साथ ही स्थानीय ठेकेदारों ने वन विभाग पर स्थानीय ठेकेदारों की अनदेखी कर बाहरी पूंजीपति ठेकेदारों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।
बता दें कि तुंगनाथ घाटी के मक्कू बैण्ड से बनियाकुण्ड व दुगलविट्टा में वन विभाग द्वारा चोपता इको टूरिज्म जोन योजना के तहत 11 करोड़ आकणन का प्रस्ताव शासन को भेजा था तथा शासन से चोपता इको टूरिज्म जोन योजना के तहत वन विभाग को 11 करोड़ रूपये की वित्तीय स्वीकृति मिली थी। चोपता इको टूरिज्म जोन योजना के तहत वन विभाग द्वारा सुरम्य मखमली बुग्यालों का संरक्षण, तुंगनाथ घाटी पहुंचने वाले सैलानियों को बेहतर सुविधा मुहैया करना तथा स्थानीय युवाओं को रोजगार सहित अनेक योजनाएं प्रस्तावित थी। वन विभाग सूत्रों की माने तो चोपता इको टूरिज्म जोन योजना के प्रथम चरण में वन विभाग द्वारा मक्कू बैण्ड में लाखों रूपये की लागत से शोभा स्थली का निर्माण किया गया है मगर लाखों रुपये की लागत से शोभा स्थली की दीवाल पहली बरसात में धडा़म होने से वन विभाग की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है। वन विभाग द्वारा आरक्षित वन क्षेत्र में निर्मित शोभा स्थली के निर्माण में सीमेन्ट का प्रयोग किस वन अधिनियम के तहत किया गया यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है। वन विभाग सूत्रों की माने तो शोभा स्थली के निर्माण में जमकर मानकों की अनदेखी कर लाखों रूपये का वारा न्यारा किया गया तथा वन विभाग द्वारा पूर्व में अतिक्रमण के तौर पर तोड़ी गयी दुकानों की ईटों का प्रयोग शोभा स्थली के निर्माण में किया गया। स्थानीय ठेकेदारों ने वन विभाग पर स्थानीय ठेकेदारों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए बाहरी पूंजीपति ठेकेदारों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि वन विभाग द्वारा अपने मोटे कमीशन के चक्कर में बाहरी ठेकेदारों को गल्ले लगाकर स्थानीय ठेकेदारों की रोजी रोटी के साथ खिलवाड़ किया गया। स्थानीय ठेकेदारों का कहना है कि वन विभाग द्वारा शोभा स्थली निर्माण की सार्वजनिक निविदा आमन्त्रित करने के बजाय गुप – तुम तरीके से अपने चेहते पूंजीपति ठेकेदारों को गोपनीय तरीके से शोभा स्थली का निर्माण कार्य दिया गया। स्थानीय ग्रामीण दीपक ने इस बाबत जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर शोभा स्थली की क्षतिग्रस्त दीवाल की जांच की मांग की है। वहीं इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों से वार्ता करनी चाही मगर तुंगनाथ घाटी में संचार सुविधा न होने से वार्ता नहीं हो पाई।