लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : मदमहेश्वर घाटी की ग्राम पंचायत बुरूवा में 12 वर्षों बाद पाण्डव नृत्य का आयोजन किया जा रहा है। बुरूवा गांव में पाण्डव नृत्य के आयोजन से मदमहेश्वर घाटी का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है तथा प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु पाण्डव नृत्य में शामिल होकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं।
आने वाले दिनों में पाण्डव नृत्य में अनेक परम्पराओं का निर्वहन किया जायेगा। पाण्डव नृत्य के सातवें दिन बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए ग्राम पंचायत गैड़ के पूर्व प्रधान नरेन्द्र पंवार ने कहा कि केदार घाटी में पाण्डव नृत्य की परम्परा युगों पूर्व की है। उन्होंने कहा कि पाण्डव नृत्य के आयोजन से क्षेत्र में समृद्धि बनी रहती है तथा ग्रामीणों, धियाणियों व प्रवासियों में वर्षों बाद मिलने का सुनहरा अवसर मिलता है।
पाण्डव नृत्य में कुन्ती – समुद्रा देवी, श्रीकृष्ण – अभिनव भट्ट, युधिष्ठिर – जगदीश भट्ट, अर्जुन – कलम सिंह चौहान, भीम – महेश सिंह धिरवाण, नकुल – जीतपाल धिरवाण, सहदेव – बलवीर भट्ट, द्रोपती – रघुवीर सिंह नेगी, बबरीक – चैत सिंह नेगी, तिलमिल – शिव भगत धिरवाण, हनुमान – बीरेन्द्र धिरवाण, नागार्जुन – प्रेम भटट्, फुलारी – चन्द्रमोहन भटट्, घसियारी – मकर सिंह राणा, गजपाल सिंह नेगी, गौरा – सुरजीत रावत, वासुदत्ता – अरविन्द धिरवाण, सुभद्रा – अवतार धिरवाण द्वारा पाण्डव पश्वाओं की भूमिका अदा की जा रही है। प्रधान सरोज भट्ट ने बताया कि आने वाले दिनों में गंगा स्नान, तीर्थ भ्रमण, गैडा़ कौथिग, हाथी कौथिग सहित पाण्डव नृत्य से जुड़ी अनेक परम्पराओं का निर्वहन किया जायेगा! वन पंचायत सरपंच माणिक लाल ने बताया कि पाण्डव नृत्य में प्रतिदिन मदमहेश्वर घाटी के विभिन्न गांवों के सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होकर पुण्य अर्जित कर रहें हैं।