लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : पंच केदारों में तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ यात्रा का आगाज हो चुका है तथा आगामी 10 मई को तुंगनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद ऊखीमठ व तुंगनाथ घाटी में तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों व सैलानियों की आवाजाही में भारी वृद्धि होने की सम्भावनाएं बनी हुई है मगर ऊखीमठ व तुंगनाथ घाटी आने वाले तीर्थ यात्रियों, सैलानियों व पर्यटकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है जिससे क्षेत्र का तीर्थाटन – पर्यटन खासा प्रभावित हो सकता है। प्रशासन ने गुप्तकाशी – कालीमठ बैण्ड – चुन्नी बैण्ड – कुण्ड रूट को वन वे तो बना दिया है मगर इस मोटर मार्ग पर विस्तारीकरण का कार्य जारी रहने से तीर्थ यात्रियों को धूल भर सफल से गुजरना पडे़गा या फिर घन्टों जाम खुलने का इन्तजार करना पड़ सकता है। कुण्ड – चोपता – गोपेश्वर मोटर मार्ग की बात करें तो जैबरी के निकट मोटर मार्ग जानलेवा होने से उक्त स्थान पर बडे़ हादसे को आमन्त्रण मिल सकता है क्योंकि आजकल ही जैबरी के निकट मोटर मार्ग पर भारी ढलान होने के कारण दो वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल – बाल बच गये। मोटर मार्ग पर ताला के निकट निकासी नालियों का निर्माण गतिमान होने तथा नालियों के निर्माण की सामाग्री मोटर मार्ग के किनारे पड़ने से घन्टों जाम की स्थिति बन सकती है। ऊखीमठ क्षेत्र में भारी पेयजल संकट गहराने का खामियाजा यहां आने वाले तीर्थ यात्रियों, सैलानियों व पर्यटकों को भुगतान पड़ सकता है। भले ही जल संस्थान द्वारा टैंकरों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति सप्लाई करने के प्रयास किये तो जा रहे हैं मगर होटल, ढाबों व लॉजों का संचालन टैंकरों के सप्लाई से हो पायेगा यह गम्भीर समस्या बनी हुई है। आगामी 10 मई से पूर्व यदि पेयजल आपूर्ति सुचारू नहीं होती है तो स्थानीय व्यापारियों का व्यवसाय खासा प्रभावित होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। पूर्व वर्षों की बात करें तो तीर्थ यात्री केदारनाथ यात्रा करने के बाद सिद्धपीठ कालीमठ तथा भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में पूजा – अर्चना व जलाभिषेक करने के बाद तुंगनाथ घाटी की हसीन वादियों में पहुंचकर विभिन्न यात्रा पड़ावों पर रूक कर तुंगनाथ घाटी के प्राकृतिक सौंदर्य से रूबरू होता तथा हर यात्रा पड़ावों पर तीर्थ यात्रियों, सैलानियों व पर्यटकों को इच्छानुसार सुविधाओं उपलब्ध हो जाती थी मगर वन विभाग द्वारा अधिकांश यात्रा पड़ावों से दुकानों को हटाने से तुंगनाथ घाटी पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों, सैलानियों व पर्यटकों को तुंगनाथ यात्रा पड़ावों पर पूर्व की भांति सुविधाएं न मिलने से तुंगनाथ घाटी का पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो सकता है। भले ही तुंगनाथ धाम की यात्रा शुरू होने में दो दिन का समय शेष है मगर चोपता – तुंगनाथ पैदल मार्ग पर अभी तक यात्रा व्यवस्थायें शून्य होने से नहीं लगता है शासन – प्रशासन तृतीय केदार तुंगनाथ यात्रा के प्रति गम्भीर होगा। चोपता – तुंगनाथ पैदल मार्ग पर शौचालयों – प्रतिक्षालयों का निर्माण न होने से प्रकृति को खासा नुकसान होने के साथ आसमान से बादल बरसने के बाद तीर्थ यात्रियों को आवागमन करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा का कहना है कि शासन – प्रशासन का ध्यान सिर्फ केदारनाथ यात्रा पर है जबकि मद्महेश्वर व तुंगनाथ धामों में समस्याओं का अम्बार लगा हुआ है। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य विनोद रावत ने बताया कि कुण्ड – चोपता मोटर मार्ग पर जैबरी के निकट मोटर मार्ग पर अत्यधिक ढलान होने के कारण उक्त स्थान पर सफर करना जानलेवा बना हुआ है। जल संस्थान के अवर अभियन्ता बीरेन्द्र भण्डारी ने बताया कि प्राकृतिक जल स्रोतों के जल स्तर पर लगातार गिरावट आने से पेयजल आपूर्ति करने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है उन्होंने बताया कि 10 मई से पूर्व चोपता – तुंगनाथ पैदल मार्ग पर पेयजल आपूर्ति सुचारू करने के लिए विभागीय कर्मचारियों को निर्देश दिये गये हैं।