ऊखीमठ : एसएसबी गुरिल्ला प्रशिक्षित सत्यापन सूची से अधिकांश नाम गायब होने पर गुरिल्ला संगठन जिलाध्यक्ष बसन्ती रावत ने नाराजगी जताई, आंदोलन की चेतावनी – पहाड़ रफ्तार

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी

ऊखीमठ : एसएसबी गुरिल्ला प्रशिक्षित सत्यापन सूची से अधिकांश नाम गायब होने पर गुरिल्ला संगठन जिलाध्यक्ष बसन्ती रावत ने नाराजगी व्यक्त करते हुए आन्दोलन की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि षड्यंत्र के तहत सत्यापन सूची से अधिकांश नाम जानबूझकर गायब करना एस एस बी गुरिल्ला प्रशिक्षितों के साथ अन्याय है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा तथा गुरिल्लाओं के हितों के लिए सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति में गुरिल्ला संगठन की जिलाध्यक्ष बसन्ती रावत ने कहा कि इन दिनों एस एस बी दिल्ली के निर्देश पर एस एस बी गुरिल्ला प्रशिक्षितों का सत्यापन किया जा रहा है उस सत्यापन सूची में अधिकांश एस एस बी गुरिल्ला प्रशिक्षितों के नाम गायब है जबकि एस एस बी गुरिल्ला प्रशिक्षितों ने वर्ष 1962 की लड़ाई में अपने जान की परवाह किए बगैर देश की सीमाओं पर देश रक्षा के लिए डयूटी निभाई है तथा सरकारी फरमान का नि:स्वार्थ व निष्ठा से पालन किया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में एसएसबी दिल्ली की तीन सदस्यीय टीम ने सभी एसएसबी गुरिल्लाओं का सत्यापन किया था मगर वर्तमान सत्यापन सूची से अधिकांश नाम गायब होना सोची समझी चाल है। उन्होंने कहा कि एसएसबी गुरिल्ला प्रशिक्षित अपने मांगों के लिए लम्बे समय से संघर्ष करता आया है तथा संघर्षों के एवज में उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है। उन्होंने कहा कि पूर्वीवती सरकारों द्वारा कुछ एसएसबी गुरिल्ला प्रशिक्षितों का कुछ विभागों में समायोजन किया गया था मगर भाजपा सरकार के सत्तासीन होते ही उन्हें कार्यमुक्त करना गुरिल्ला प्रशिक्षितों के साथ नाइन्साफी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एसएसबी हाई कमान द्वारा स्थानीय प्रशासन को जो सूची उपलब्ध कराई गयी है उसमें अधिकांश नाम गायब है इसलिए समय रहते यदि एसएसबी गुरिल्ला प्रशिक्षितों व मृतक प्रशिक्षित गुरिल्ला के आश्रितों को सूची में शामिल नहीं किया गया तो एसएसबी गुरिल्ला प्रशिक्षितों को उत्तरकाशी की तर्ज पर यहाँ भी आमरण, अनशन, विशाल रैली, चक्काजाम के लिए बाध्य होना पड़ेगा। जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन – प्रशासन की होगी ।

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