लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर रेंज कार्यालय ऊखीमठ / गुप्तकाशी द्वारा मद्महेश्वर घाटी की ग्राम पंचायत गैड़ के बष्टी तोक के कुछ परिवारों को बेदखली का नोटिस जारी करने पर मद्महेश्वर घाटी के जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों में विभाग के प्रति आक्रोश बना हुआ है। इस बाबत ग्रामीणों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजकर न्याय की गुहार लगाई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेजे ज्ञापन का हवाला देते हुए ग्रामीण का कहना है कि मद्महेश्वर घाटी की ग्राम पंचायत गैड़ के बष्टी तोक में कुछ परिवार आजादी से पूर्व वर्ष 1930 से रहकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं तथा विभाग द्वारा कई दशकों बाद कुछ परिवारों को बेदखली का नोटिस देकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि उक्त परिवार कालीशिला जग्गी बगवान से भूस्खलन के कारण वर्ष 1930 में आजादी से पूर्व ग्राम बस्टी पोस्ट मनसूना ऊखीमठ में विस्थापित हुए थे, तब इन लोगों द्वारा यहां पर बसावट की गयी। वर्ष 1976 में यहां रह रहे इन लोगों का वन विभाग द्वारा चालान किया गया था। तथा ये लोग अपने पूर्वजों के समय से उक्त परिवार गैड़ बस्टी में निवासरत हैं, और अब इसी जून माह गत् दिनों वन विभाग द्वारा उनको गांव छोड़ने का नोटिस दिया गया है। जिससे ग्रामीण अपना मानसिक उत्पीड़न समझ रहे हैं और वे हतास और निराश हैं। भाजपा ऊखीमठ मण्डल महामंत्री दलवीर सिंह नेगी ने केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि वर्ष 1930 से बष्टी तोक में निवास कर रहे परिवारों को बेदखली का नोटिस जारी कर समझ से परे है। उनका कहना है कि बेदखली का नोटिस जारी करने से पूर्व केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग को प्रदेश सरकार के संज्ञान में मामला लेना चाहिए था।