लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में हल्की बूंदाबांदी होने से सम्पूर्ण केदार घाटी शीतलहर की चपेट में आ गयी है। निचले क्षेत्रों में सर्द हवाओं के चलने से तापमान में भारी गिरावट महसूस होने लगी है तथा ग्रामीणों की दिनचर्या खासी प्रभावित होने लगी है। आने वाले कुछ घन्टों में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो सीमान्त गाँव बर्फबारी से लदक होने की सम्भावना बनी हुई है यदि निचले क्षेत्रों में मौसम के अनुकूल बारिश होती है तो प्रकृति के साथ काश्तकारों की रवि की फसलों में नव ऊर्जा का संचार होने की प्रबल सम्भावना बनी हुई है।
बता दें कि केदार घाटी में बीते सोमवार से मौसम ने करवट ले ली थी। मंगलवार को दोपहर बाद हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी का आगाज व निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश होने से तापमान में भारी गिरावट महसूस होने लगी है। आने वाले कुछ घन्टों में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो केदारनाथ, मद्महेश्वर, तुंगनाथ, वासुकी ताल, पवाली कांठा, मनणामाई तीर्थ, पाण्डव सेरा, नन्दीकुण्ड, विसुणीताल का भूभाग बर्फबारी से लदक होने की सम्भावना बनी हुई है। मौसम विभाग की भविष्य वाणी सच साबित हुई तो आगामी 15 दिसम्बर तक सीमान्त गाँव त्रियुगीनाराण, गौरीकुण्ड, चौमासी, चिलौण्ड, गौण्डार, रासी, देवरियातात, चोपता, दुगलविट्टा, मोहनखाल, कार्तिक स्वामी, घिमतोली का सम्पूर्ण भूभाग बर्फबारी से आच्छादित हो सकता है। तुंगनाथ घाटी व कार्तिक स्वामी में यदि मौसम के अनुकूल जमकर बर्फबारी होती है तो बर्फबारी का लुफ्त उठाने वाले सैलानियों , पर्यटकों व प्रकृति प्रेमियों की आवाजाही होने से स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में भारी इजाफा हो सकता है। तुंगनाथ धाम के प्रबन्धक बलवीर नेगी ने बताया कि तुंगनाथ धाम में हल्की बर्फबारी का आगाज हो चुका है तथा आने वाले कुछ घण्टों में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो चोपता तक मौसम के अनुकूल हिमपात हो सकता है। काश्तकार शंकर पंवार ने बताया कि निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश काश्तकारों की रवि की फसलों के लिए शुभ मानी जा रही है तथा यदि मौसम के अनुकूल जमकर बारिश होती है तो प्रकृति के साथ काश्तकारों की गेहूं, जौ, सरसों, मटर इत्यादि की फसलों में नव ऊर्जा का संचार हो सकता है।