ऊखीमठ : भारी भूस्खलन होने से ताला तोक के दर्जनों घर खतरे की जद में, रतजगा कर कट रही रातें, दुकानदारों ने समेटा सामान

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी

ऊखीमठ : तुंगनाथ घाटी में बीती रात्रि हुई मूसलाधार बारिश के कारण आकाशकामिनी नदी के उफान में आने के कारण अनेक स्थानों पर भूस्खलन व भूकटाव होने से ताला तोक के दर्जनों परिवार खतरे की जद में आ गये है। कुण्ड – चोपता नेशनल हाईवे पर जगह – जगह मलवा आने व दरारें पड़ने से मोटर मार्ग पर सफर करना जानलेवा बना हुआ है। भूस्खलन के कारण ताला तोक में दर्जनों दुकानों के खतरे की जद में आने से व्यापारियों ने दुकान का सामना समेटना शुरू कर दिया है, भूस्खलन के कारण पिगंलापानी – ऊखीमठ पेयजल योजना अनेक स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गयी है जबकि काश्तकारों की कई हेक्टेयर सिंचित व असिंचित भूमि व फसलों को भारी नुकसान हुआ है तथा जगह – जगह पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

भूस्खलन व भूकटाव से गांव खतरे की जद में 

मस्तूरा तोक के निचले हिस्से में आकाशकामिनी नदी के तेज बहाव के कारण भूकटाव जारी रहने से पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है तथा पापड़ी तोक के दो दर्जन परिवारों को भी खतरा बना हुआ है। मुख्यमंत्री के ओ एच डी दलवीर सिंह दानू, भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल सहित विभिन्न क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर प्रभावितों की यथा सम्भव मदद दिलाने के लिए प्रशासन से वार्ता की। राजस्व विभाग के अधिकारी घटना स्थल पहुंच कर आपदा से क्षति का सर्वे किया जा रहा है। जानकारी देते हुए ग्रामीण प्रतिपाल सिंह बजवाल ने बताया कि शनिवार रात्रि को तुंगनाथ घाटी में हुई मूसलाधार बारिश के कारण आकाशकामिनी नदी का वेग उफान में आने के कारण ताला तोक के निचले हिस्से में भूस्खलन होने से ताला तोक के दो दर्जन से अधिक परिवार, दुकानों, ढाबे व टैन्ट खतरे की जद में आ गयें हैं जिससे कई परिवारों व दुकानदारों ने अपना सामना समेटकर सुरक्षित स्थानों पर आसरा ले लिया है।

भूस्खलन से हुए खतरे के बाद दुकानों का सामान समेटने को विवश दुकानदार 

उन्होंने बताया कि भूस्खलन होने के कारण कुण्ड – चोपता नेशनल हाईवे ताला में धीरे – धीरे धसने से दरारें पड़ने शुरू हो गयी है तथा नेशनल हाईवे पर सफर करना जोखिम भरा हो गया है। ग्रामीण महावीर बजवाल ने बताया कि भूस्खलन के कारण काश्तकारों की खेती व फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है तथा आकाशकामिनी नदी में अनेक स्थानों पर बने पुल भी खतरे की जद में आ गयें हैं।

दरवान सिंह बजवाल ने बताया कि आकाशकामिनी नदी के जल स्तर में भारी वृद्धि होने से तुंगनाथ घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में बादल फटने की सम्भावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है! प्रधान दैडा़ योगेन्द्र नेगी ने बताया कि भूस्खलन के कारण मस्तूरा – दैडा़ पैदल मार्ग पूर्णतया क्षतिग्रस्त हो गया है तथा पापड़ी तोक के कई दर्जनों परिवार वर्षों से विस्थापन की आस लगाये हुए हैं। केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष कर्मवीर कुवर पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य विनोद रावत सहित विभिन्न क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों ने भूस्खलन प्रभावित इलाकों का जायजा लिया।

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