लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : मदमहेश्वर घाटी की ग्राम पंचायत राऊलैंक के प्रधान कमलेन्द्र नेगी ने प्रदेश सरकार व पर्यटन विभाग से सिद्धपीठ कालीशिला को तीर्थ स्थल व पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग की है।
उनका कहना है कि यदि प्रदेश सरकार की पहल पर पर्यटन विभाग सिद्धपीठ कालीशिला के चहुंमुखी विकास की कवायद शुरू करता है तो मदमहेश्वर घाटी में तीर्थाटन, पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलने के साथ स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सकते हैं तथा सिद्धपीठ कालीशिला में तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों, सैलानियों व प्रकृति प्रेमियों की आवाजाही होने से राऊलैंक, उनियाणा तथा जग्गी बगवान गांवों में होम स्टे योजना तथा स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिल सकता है तथा गांवों से हो रहे पलायन पर रोक लग सकती है। प्रधान कमलेन्द्र नेगी ने बताया कि सिद्धपीठ कालीशिला केदार घाटी के शक्तिपुंजो में विख्यात है तथा सिद्धपीठ कालीशिला में हर भक्त को मनौवाछित फल की प्राप्ति होती है तथा सिद्धपीठ कालीशिला के शिखर से प्रकृति का जो नयनाभिराम दृष्टिगोचर होता है वह हमेशा मानस पटल पर छाया रहता है। उन्होंने कहा कि राऊलैंक – कालीशिला पैदल मार्ग का रख – रखाव न होने से तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों, सैलानियों व प्रकृति प्रेमियों को आवाजाही करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि सिद्धपीठ कालीशिला व पैदल मार्ग पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है जिससे सिद्धपीठ कालीशिला की यात्रा परवान नहीं चढ़ पा रही है। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश सरकार की पहल पर पर्यटन विभाग सिद्धपीठ कालीशिला में आवासीय व्यवस्था, राऊलैंक – कालीशिला पैदल ट्रैक को विकसित करने पैदल मार्ग पर पेयजल, शौचालय व प्रतिक्षालयो की व्यवस्था करता है तो निश्चित ही सिद्धपीठ कालीशिला तीर्थ दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या में भारी वृद्धि हो सकती है तथा सिद्धपीठ कालीशिला पहुंचने वाले तीर्थ यात्री, राकेश्वरी मन्दिर रासी तथा चौखम्बा की तलहटी में बसे मनणामाई तीर्थ की धार्मिक महत्ता से रूबरू होने के साथ प्रकृति के अनमोल खजाने का लुफ्त उठा सकते हैं।