लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में स्थानीय जनता के सहयोग से आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के आयोजन से ऊखीमठ सहित सम्पूर्ण केदार घाटी का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है।
विगत दो जुलाई से शुरू हुई नौ दिवसीय श्रीराम कथा में प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु कथा श्रवण कर विश्व समृद्धि की कामना कर रहे हैं। श्रीराम कथा के साथ – साथ स्थानीय कीर्तन मण्डलियों से जुड़ी महिला भी धार्मिक भजनों के माध्यम से पंचनाम देवताओं व मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र की महिमा का गुणगान कर रही हैं! मंगलवार को श्रीराम कथा में भगवान शंकर के विवाह व श्रीराम जन्मोत्सव की झलकियां मुख्य आकर्षण का केन्द्र रही! श्रीराम कथा में केदार घाटी की कथावाचक राधिका जोशी केदारखण्डी द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र के जीवन लीलाओं पर आधारित कथाओं का गुणगान किया जा रहा है तथा प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु श्रवण कर पुण्य के भागी बन रहे हैं। श्रीराम कथा के चौथे दिन कथावाचक राधिका जोशी केदारखण्डी ने कहा कि भगवान शंकर ने स्वयं उमा से कहा है कि, उमा कहुं में अनुभव अपना, हरि बिना जग सब सपना, अर्थात भगवान शंकर स्वयं कहते है कि हरि के बिना पूरा संसार सपना है इसलिए इस जगत चराचर के कण – कण में हरि का निवास है। उन्होंने कहा कि जगत के हर कार्य का संचालन श्रीराम राम की इच्छा अनुसार होता है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण पृथ्वी के देवता माने गये हैं इसलिए ब्राह्मणों के दर्शन से देवताओं के दर्शन करने के समान आशीर्वाद मिलता है।
कथावाचक राधिका जोशी केदारखण्डी ने कहा कि जिस स्थान पर सन्तों का समागम होता है वहां हरि भजन होता है तथा पूर्व जन्म में किये गये सत कर्मो के अनुसार कथा श्रवण का सौभाग्य मिलता है। उन्होंने कहा कि भगवान भावना के वशीभूत होते है इसलिए मनुष्य को भावना के अनुसार सतमार्ग पर अग्रसर होने की प्रेरणा मिलती है। श्रीराम कथा में स्वामी हरि हरानन्द, ऋर्षिराज व विकेक द्वारा संगीत पर साथ दिया जा रहा है जबकि नवीन जोशी द्वारा श्रीराम राम कथा का सीधा प्रसारण किया जा रहा है! श्रीराम कथा में आचार्य विनोद जमलोकी, गिरीश सेमवाल, वेद प्रकाश जमलोकी , राजन सेमवाल, नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा,प्रधान सन्दीप पुष्वाण,पूर्व प्रधान प्रकाश रावत, व्यवस्थापक राजेश्वरी सेमवाल, संयोजक सुन्दरी सिद्ध, अध्यक्ष कुवरी पुष्वाण, सचिव अंजना रावत, कोषाध्यक्ष उषा भटट्, रेखा रावत, बबीता भटट्, कुब्जा धर्म्वाण, पूनम नौटियाल, प्रेमा बर्त्वाल, हेमलता नौटियाल सहित विभिन्न कीर्तन मण्डलियों व महिला मंगल दलों के पदाधिकारियों व सदस्यों द्वारा सराहनीय सहयोग दिया जा रहा है।