ऊखीमठ : शारदीय नवरात्रि पर सिद्धपीठ मां कालीमठ में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी 

ऊखीमठ : शारदीय नवरात्रों में सिद्धपीठ कालीमठ में भक्तों का तांता लगा हुआ है। प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु सिद्धपीठ कालीमठ पहुंचकर भगवती के विभिन्न स्वरूपों की पूजा – अर्चना कर मनौती मांग रहे हैं।

शारदीय नवरात्रों के छटवे दिन बदरी – केदार मन्दिर समिति के तत्वावधान में विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों भक्तों ने प्रतिभाग किया। मन्दिर समिति द्वारा शारदीय नवरात्रों के आगे के दिनों के कार्यक्रम निर्धारित किये है। बद्री केदार मन्दिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती ने भी सिद्धपीठ कालीमठ पहुंचकर पूजा – अर्चना कर कालीमठ में व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा मन्दिर समिति के अधिकारियों – कर्मचारियों सिद्धपीठ कालीमठ आने वाले श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधा देने के निर्देश दिये। ब्रह्म बेला पर विद्वान आचार्यों के वेद ऋचाओं, स्थानीय वाद्ययंत्रों की मधुर धुनों से सिद्धपीठ कालीमठ का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। विद्वान आचार्यों द्वारा तीन युगों से प्रज्वलित अखण्ड धुनी में विभिन्न पूजार्थ सामग्रियों की आहूतियां डालकर विश्व समृद्धि व क्षेत्र के खुशहाली की कामना की जा रही है। जानकारी देते हुए सिद्धपीठ कालीमठ मन्दिर प्रबन्धक प्रकाश पुरोहित ने बताया कि विद्वान आचार्यों ने पंचाग गणना के अनुसार नवरात्रों के आगे के दिनों का कार्यक्रम निर्धारित कर दिया है तथा 9 अक्टूबर को रात्रि के समय कालरात्रि पूजन सम्पन्न किया जायेगा तथा 10 अक्टूबर को रात्रि के समय महाकाली पूजन, कुण्ड प्रक्षालन, डोली दर्शन किया जायेगा, 11 अक्टूबर को मेला उत्सव तथा 12 अक्टूबर को विजयदशमी पर्व के साथ नवरात्रे विसर्जन किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि शारदीय नवरात्रों में विभिन्न क्षेत्रों के हजारों श्रद्धालुओं ने सिद्धपीठ कालीमठ पहुंच पुण्य अर्जित किया। वेदपाठी रमेश चन्द्र भटट् ने बताया कि सिद्धपीठ कालीमठ में तीन युगों से प्रज्वलित अखण्ड धुनी की भस्म धारण करने से मानव का अन्तहकरण पावन हो जाता है। मठापति अब्बल सिंह राणा ने बताया कि सिद्धपीठ कालीमठ आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में धीरे – धीरे इजाफा हो रहा है तथा सैकड़ों तीर्थ यात्री सिद्धपीठ कालीमठ में पूजा – अर्चना के बाद सिद्धपीठ कालीशिला के भी दर्शन करते हैं। ऊखीमठ मंगोली के पूर्व प्रधान राय सिंह धर्म्वाण ने बताया कि सिद्धपीठ कालीमठ में हर भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है इसलिए सिद्धपीठ कालीमठ दर्शनों की बार – बार लालसा बनी रहती है।

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