लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : कालीमठ घाटी की ग्राम पंचायत स्यासूगढ के आज तक यातायात से न जुड़ने के कारण ग्रामीणों में शासन – प्रशासन के खिलाफ खासा आक्रोश बना हुआ है। गांव को यातायात से जोड़ने की फाइलें शासन की अलमारियों में कैद रहने से ग्रामीणों ने शासन प्रशासन के खिलाफ आर – पार की लड़ाई लड़ने का मन बना दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि सूबे के दो मुख्यमंत्री स्यासूगढ गाँव को यातायात से जोड़ने की घोषणा करने के बाद भी गाँव आज भी यातायात से नहीं जुड़ पाया है। प्रधान ग्राम पंचायत स्यासूगढ राकेश रावत की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में शिरकत करते हुए जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा ने कहा कि एक तरफ डबल इंजन की सरकार सीमांत गांवों तक विकास की किरण पहुंचाने के खोखले दावे कर रही है दूसरी तरफ स्यासूगढ गाँव को यातायात से जोड़ने की फाइलों के शासन की आलमारियों में कैद रहने से स्पष्ट हो गया है कि डबल इंजन की सरकार खोखले दावे कर ग्रामीणों को गुमराह कर रही है।
उन्होंने कहा कि स्यासूगढ गाँव आजादी 70 दशक बाद भी मोटर मार्ग से न जुड़ने के कारण ग्रामीण रोजमर्रा की सामाग्री को पीठ में ढोने के लिए विवश बने हुए हैं। प्रधान राकेश रावत ने कहा कि स्यासूगढ गाँव को यातायात से जोड़ने के लिए वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा जाल मल्ला में तथा वर्ष 2022 में वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा कालीमठ में स्यासूगढ गाँव को यातायात से जोड़ने की घोषणा तो की गयी थी मगर आज तक गाँव यातायात से नहीं जुड़ पाया है। वन पंचायत सरपंच पंकज सिंह रावत ने कहा कि यदि समय रहते गाँव को यातायात से नहीं जोड़ा गया तो ग्रामीणों को शासन – प्रशासन के खिलाफ आर – पार की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन – प्रशासन की होगी। महिला मंगल दल अध्यक्ष इन्द्रा देवी ने कहा कि स्यासूगढ गाँव के यातायात से जुड़ने के कारण बीमार व्यक्तियों को मोटर मार्ग तक पहुंचाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस मौके पर पूर्व प्रधान चन्द्र सिंह रावत, नव युवक मंगल दल अध्यक्ष मुकेश रावत, कुवर सिंह रावत, गब्बर सिंह रावत, भगत सिंह, दिलमा देवी, पुष्पा देवी, उषा देवी, अंकित रावत, आनन्द सिंह रावत सहित कई दर्जनों ग्रामीण मौजूद रहे।