ऊखीमठ : सेमला गांव में बगड़वाल नृत्य से बनी रौनक, भट्ट ने लिया आशीर्वाद

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी

ऊखीमठ :  तुंगनाथ घाटी के सेमला गांव में 65 वर्षों बाद आयोजित 11 दिवसीय बगड़वाल नृत्य में प्रतिदिन विभिन्न गांवों के सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं तथा बगड़वाल नृत्य के आयोजन से तुंगनाथ घाटी का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है।  धियाणियों व प्रवासियों के सेमला गांव की ओर रूख करने से गांव की चौपालों में रौनक लौटने लगी है।

बगड़वाल नृत्य में मद्महेश्वर घाटी की उभरती जागर गायिका राजेश्वरी पंवार द्वारा पौराणिक जागरों के माध्यम जीतू बगड़वाल की महिमा का विस्तृत गुणगान किया जा रहा है। बगड़वाल नृत्य के नौवें दिन राज्यमंत्री चण्डी प्रसाद भट्ट सहित विभिन्न क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों ने बगड़वाल नृत्य में शामिल होकर क्षेत्र के खुशहाली व विश्व समृद्धि की कामना की।

जानकारी देते हुए प्रधान डुगर सेमला प्रर्मिला देवी ने बताया कि विगत 26 जनवरी से 11 दिवसीय बगड़वाल नृत्य का शुभारंभ किया गया था तथा आगामी 5 फरवरी को बगड़वाल नृत्य का समापन होगा। उन्होंने बताया कि 65 वर्षों बाद बगड़वाल नृत्य का आयोजन होने से ग्रामीणों में भारी उत्साह बना हुआ है।

बगड़वाल नृत्य कमेटी अध्यक्ष प्रमोद चौधरी ने बताया कि बगड़वाल नृत्य में सुदीप सिंह, महेशानन्द त्रिवेदी, बलवन्त सिंह, दीपाशु रावत, सुमान सिंह, विश्वनाथ त्रिवेदी, विनोद सिंह, ओमप्रकाश त्रिवेदी, प्रेम सिंह कुवर तथा हर्ष लाल द्वारा विभिन्न बगड़वाल पश्वाओं की भूमिका अदा की जा रही है जबकि ढोलवादक जय लाल व पृथ्वी लाल द्वारा ढोल दमाऊ की थाप से बगड़वाल में अहम योगदान दिया जा रहा है। कोषाध्यक्ष केशवानन्द त्रिवेदी ने बताया कि बगड़वाल नृत्य में सोबनी बुलाने, जीत बगड़वाल का खेट पर्वत भ्रमण, जीतू बगड़वाल का ऐडी आछरी मिलन सहित अनेक पौराणिक परम्पराओं का निर्वहन किया जा रहा है।

वन पंचायत सरपंच देवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि बगड़वाल नृत्य जीतू बगड़वाल की जीवनी पर आधारित है तथा केदार घाटी में बगड़वाल नृत्य की परम्परा युगों पूर्व की है! कीर्तन मण्डली अध्यक्ष त्रितेश्वरी देवी ने बताया कि बगड़वाल नृत्य जीतू बगड़वाल की प्रेमगाथा पर आधारित नृत्य है तथा बगड़वाल नृत्य में जीतू बगड़वाल हरण का दृश्य बड़ा ही मार्मिक होता है। महिला मंगल दल अध्यक्ष शर्मिला देवी ने बताया कि गांव में 65 वर्षों बाद बगड़वाल नृत्य का आयोजन होने से युवा पीढ़ी को भी बगड़वाल नृत्य की विस्तृत जानकारी मिल रही है तथा बगड़वाल नृत्य में अधिकांश युवा विभिन्न पश्वाओं की भूमिका अदा कर रहे हैं।

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