ऊखीमठ : लोक निर्माण विभाग की अनदेखी के कारण राऊंलैक – जग्गी बगवान मोटर मार्ग जगह – जगह जानलेवा बना हुआ है। मोटर मार्ग पर सुरक्षा दीवारों का निर्माण न होने से कई स्थानों पर भू-धंसाव शुरू हो गया है। आने वाले बरसात में यदि भू-धंसाव जारी रहता है तो कई मकान खतरे की जद में आ सकतें है तथा दर्जनों परिवारों पर प्रकृति का कहर बरस सकता है। ग्रामीणों द्वारा लम्बे समय से मोटर मार्ग के दोनों किनारों सुरक्षा दिवारों व मोटर मार्ग के डामरीकरण व विस्तारीकरण की मांग की जा रही है मगर लोक निर्माण विभाग बजट का अभाव होने से अपना पल्ला झाड़ रहा है।
बता दें कि राऊंलैक – जग्गी बगवान 1:7 किमी मोटर मार्ग का निर्माण कार्य वर्ष 2016 में शुरू किया गया था मगर विभागीय अनदेखी के कारण मोटर मार्ग का निर्माण कार्य कछुवा गति से होने के कारण ग्रामीण कई बार आन्दोलन भी कर चुके हैं। विभाग द्वारा प्रथम फेस के तहत जग्गी बगवान तक मोटर मार्ग का निर्माण कार्य तो किया गया मगर अधिकांश स्थानों पर सुरक्षा दिवारों का निर्माण न होने तथा मोटर मार्ग की स्थिति जर्जर होने के कारण मोटर मार्ग जानलेवा बना हुआ है तथा मोटर मार्ग पर सफर करना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। मद्महेश्वर घाटी में मानसून के दस्तक देने के कारण मोटर मार्ग पर कई स्थानों पर भू-धंसाव होने के कारण दर्जनों मकानों को खतरा बना हुआ है। आने वाले दिनों में यदि क्षेत्र में मूसलाधार बारिश होती है तो भू-धंसाव के कारण कई परिवार खतरे की जद में आ सकतें है। जानकारी देते हुए ग्रामीण राम किशन ने बताया कि राऊंलैक – जग्गी बगवान मोटर मार्ग पर पय्या धार में सुरक्षा का निर्माण न होने तथा बरसात के कारण भू-धंसाव होने से नन्द लाल आर्य, प्रेम आर्य, गोपाल आर्य, दिनेश आर्य, बलराम आर्य, बीरेन्द्र आर्य सहित एक दर्जन से अधिक परिवार खतरे की जद में आ सकतें है। उन्होंने बताया कि मोटर मार्ग कई स्थानों पर जर्जर होने के कारण मोटर मार्ग पर सफर करना जानलेवा बना हुआ है ! वही दूसरी ओर लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ता मनोज कुमार भट्ट का कहना है कि मोटर मार्ग पर एक स्थान पर बरसात के समय बडे़ हिस्से के दरकने की सम्भावना हो सकती उसका ट्रीटमेंट बरसात के बाद ही सम्भव है! यदि भू-धंसाव के कारण किसी मकान को खतरा उत्पन्न होता है तो जनहित में शीध्र सुरक्षा दिवालों का निर्माण किया जायेगा तथा बरसात के बाद मोटर मार्ग के डामरीकरण व विस्तारीकरण की पहल की जायेगी।