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ऊखीमठ : सरस्वती शिशु मन्दिर ऊखीमठ के पंचम कक्षा के 30 सदस्यीय छात्रों के दल ने शैक्षणिक भ्रमण के तहत क्रौच पर्वत के शीर्ष पर विराजमान देव सेनापति कार्तिक स्वामी का भ्रमण कर वहां की धार्मिक महत्ता व प्राकृतिक सौन्दर्य से रूबरू हुए। साथ ही नौनिहालों ने स्कन्द नगरी से कार्तिक स्वामी तीर्थ तक स्वच्छता अभियान भी चलाया।
30 सदस्यीय छात्रों का दल पहली बार कार्तिक स्वामी तीर्थ से अलकनंदा – मन्दाकिनी की सैकड़ों गहरी फीट खाईया, असंख्य पर्वत श्रृंखलाएं व पर्वतराज हिमालय की चमचमाती स्वेत चादर को पहली बार अति निकट से रूबरू हुआ । कार्तिक स्वामी तीर्थ के पुजारी नन्दू पुरी ने छात्रों के दल से क्रौच पर्वत की धार्मिक महत्ता से रूबरू करवाया तथा नौनिहाल कनकचौरी से स्कन्द नगरी तक फैले प्रकृति के अनमोल खजाने से भी रूबरू हुए। नौनिहालों को क्रौच पर्वत पर विराजमान कार्तिक स्वामी तीर्थ की महत्ता बताते हुए पुजारी नन्दूपुरी ने बताया कि उत्तर भारत मे देव सेनापति का पावन तीर्थ क्रौच पर्वत पर विराजमान है तथा उत्तर भारत में भगवान कार्तिक स्वामी निर्बाण रूप में पूजे जाते हैं । उन्होंने बताया कि प्रति वर्ष जून माह में विश्व समृद्धि के लिए महायज्ञ व पुराणवाचन की परम्परा युगों पूर्व की है। उन्होंने बताया कि क्रौच पर्वत तीर्थ मे भगवान कार्तिक स्वामी की पूजा – अर्चना की अलावा ऐड़ी आंछरियों की पूजा भी की जाती है।
सरस्वती शिशु मन्दिर के प्रधानाचार्य रघुनाथ सिंह नेगी ने छात्रों के दल को कार्तिक तीर्थ के प्राकृतिक सौन्दर्य की विस्तृत जानकारी दी । वर्ष 1993 से स्कन्द नगरी मे अपना व्यवसाय चली रही राजेश्वरी देवी ने नौनिहालों को कार्तिक स्वामी तीर्थ से निकलने वाली नदियों व क्रौच पर्वत के आंचल मे फैले अपार वन सम्पदा की जानकारी दी । स्थानीय व्यापारी प्रदीप नेगी ने छात्रों के दल को जानकारी देते हुए बताया कि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज व कार्तिकेय मन्दिर समिति के अथक प्रयासों से कार्तिक स्वामी तीर्थ कार्तिक स्वामी पर्यटन सर्किट के रूप मे विकसित हो चुका है । इस मौके शूरवीर सिंह राणा ,जगदीश राणा ,राजेन्द्र सिंह राणा,फते सिंह नेगी ,सतपाल नेगी,बिछना पुष्वाण सहित छात्रों का दल मौजूद रहे।