ऊखीमठ। ईको पर्यटन विकास समिति तुंगनाथ चोपता व्यापार संघ व जीप टैक्सी यूनियन के सयुंक्त तत्वावधान में चोपता – तुंगनाथ पैदल मार्ग पर विभिन्न प्रजाति के छायादार वृक्षों का रोपण करने के साथ ही पैदल मार्ग के यात्रा पड़ावों सहित तुंगनाथ धाम में स्वच्छता अभियान चलाकर कई कुन्तल प्लास्टिक व कूड़ा एकत्रित कर निस्तारण हेतु चोपता पहुंचाया गया। तुंगनाथ धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों व सैलानियों से आग्रह किया गया कि प्रयोग के बाद प्लास्टिक की बोतलों को सुरक्षित स्थानों पर रखा जाय। जिससे तुंगनाथ घाटी के सुरम्य मखमली बुग्यालों की सुन्दरता कायम रह सके।
ईको पर्यटन विकास समिति के पदाधिकारियों ने तुंगनाथ धाम सहित यात्रा पड़ावों पर व्यवसाय के रहे व्यापारियों को सुझाव देते हुए कहा कि यात्रा पड़ावों पर रोपित पौधों का संरक्षण व संवर्धन हर एक व्यापारी का नैतिक दायित्व है। क्योंकि सभी के सामूहिक प्रयासों से रोपित पौधों को सुरक्षित रखा जा सकता है। जानकारी देते हुए ईको पर्यटन विकास समिति के अध्यक्ष भूपेन्द्र मैठाणी ने बताया कि ईको पर्यटन विकास समिति चोपता तुंगनाथ, व्यापार संघ व जीप टैक्सी यूनियन के सयुंक्त प्रयासों से चोपता तुंगनाथ पैदल मार्ग पर भुजगली से तुंगनाथ धाम तक 100 पौधे देवदार तथा तथा चोपता से भुजगली तक 50 पौधे बुंरास के रोपित कर चोपता से तुंगनाथ धाम तक के भू-भाग को हरा – भरा बनाने का संकल्प लिया गया। उन्होंने बताया कि सभी के सयुंक्त तत्वावधान में चोपता – तुंगनाथ पैदल मार्ग सहित तुंगनाथ धाम तक स्वच्छता अभियान चलाकर कई कुन्तल प्लास्टिक व अन्य सामाग्री एकत्रित कर निस्तारण हेतु चोपता पहुंची गयी है।
बताया कि स्वच्छता अभियान में ईको पर्यटन विकास समिति सहित सभी के प्रयासों से देव स्थानम् बोर्ड मन्दिर परिसर तुंगनाथ धाम से 35 , तुंगनाथ बाजार से 30 तथा गणेश दर्शनी से चोपता तक 20 बोरे कूड़ा एकत्रित कर निस्तारण हेतु खच्चरों से चोपता पहुंचाया गया है तथा कूड़ा निस्तारण के लिए वाहन हेतु निर्धारित शुल्क के आधार पर नगर पंचायत ऊखीमठ से सम्पर्क किया जा रहा है! उन्होंने बताया कि ईको पर्यटन विकास समिति ने यात्रा पड़ावों सहित सहित तुंगनाथ धाम में व्यवसाय कर रहे व्यापारियों, घोड़े खच्चर संचालकों, भेड़ व पशुपालकों से विनती की है पैदल मार्ग पर रोपित छायादार वृक्षों का संरक्षण व संवर्धन हर एक का नैतिक दायित्व है। सामूहिक प्रयासों से चोपता – तुंगनाथ के भू-भाग को हरा – भरा किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि चोपता व तुंगनाथ धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों व सैलानियों द्वारा पैदल मार्ग पर प्लास्टिक की बोतलों व अन्य सामाग्री को प्रयोग के बाद खुले में छोडा़ जा रहा है जिससे प्रकृति को खासा नुकसान हो रहा है इसलिए भविष्य में सभी के प्रयासों से जन जागरुकता अभियान चलाकर तुंगनाथ घाटी आने वाले तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों व सैलानियों को में प्रकृति के प्रति सजग किया जायेगा जिससे यहाँ का प्राकृतिक सौन्दर्य यथावत रह सके! इस मौके पर यशपाल सिंह नेगी, योगेन्द्र भण्डारी, कुवर सिंह राणा, केवलानन्द मैठाणी, राजेन्द्र सिंह भण्डारी, मनवर सिंह, दिनेश चौहान, सतवीर चौहान, बीरबल चौहान, आनन्द चौहान, उमेद नेगी, पंकेश लाल, अवतार सिंह, शिव सिंह, अर्जुन सिंह, रघुवीर सिंह सहित ईको पर्यटन विकास समिति, जीप टैक्सी यूनियन, व्यापार संघ के पदाधिकारी, सदस्य व घोड़े – खच्चर संचालक मौजूद रहे।