दिनांक – 25/07/2021
दिन – रविवार
विषय – अमर सेनानी श्री देव सुमन जी की स्मृतियां
विधा – छंद मुक्त
टिहरी गढ़वाल बमुंड पट्टी,
जौल ग्राम था जन्म स्थान।
वीर सेनानी श्री देव सुमन का,
अमर रहेगा हर बलिदान।।
जननी जन्मभूमि के प्रति,
दिल में श्रद्धा थी अपार।
पिता से सीखी लोक सेवा,
माँ से दृढ़निश्चय संस्कार।।
अपनी लेखनी के द्वारा भी,
सब के अधिकारों की बात कही।
मिला नौकरी का लालच पर,
वो ठुकरा कर हर पीड़ सही।।
टिहरी की जनता के खातिर,
की बुलंद आवाज माँगे अधिकार।
जेल गए किया आमरण अनशन,
था मातृभूमि से इतना प्यार।।
कालकोठरी और बेड़ियों से,
तनिक भी ना विचलित हुआ।
अडिग रहा मातृभूमि का सेवक,
भूखे रह तन त्याग दिया।।
गाँधीवादी आदर्शों के संग,
प्राणों की आहुति दी।
शब्दों में क्या करूँ प्रशंसा,
मैं उस महान विभूति की।।
पुण्य आत्मा की स्मृति से,
हैअंतर्मन में स्पंदन।
उत्तराखंड के उस गौरव को,
मेरा कोटि-कोटि नमन वंदन।।
स्वरचित
सुनीता सेमवाल “ख्याति”
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड