गोपेश्वर। पीआरडी के माध्यम से जिले के उच्चीकृत विद्यालयों में ग्रुप डी चतुर्थ श्रेणी के पदों पर तैनात किए गए स्वंयम सेवकों के पदों पर नियुक्ति में विभागीय अधिकारियों पर मनमाने तरीके से तैनाती किए जाने का आरोप लगाते हुए जिले की एक गरीब, बेरोजगार युवती ने मुख्यमंत्री को एक शिकायती पत्र भेज कर शिक्षा विभाग में तैनात किए गए स्वंयम सेवकों की तैनाती की जांच की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की हैं।सीएम तीरथ सिंह रावत को भेजे एक पत्र में जिले के सगर-देवलधार की एक युवती तनुजा ने कहा हैं कि पिछले साल जिला युवा कल्याण एवं प्रासद विभाग अधिकारी ने जिले में उच्चीकृत विद्यालयों में चतुर्थ क्षेणी के पदों पर स्वंयम सेवकों की तैनाती के लिए युवक, युवतियों से आवेदन मांगे गए थे। जिसके लिए उन्होंने भी आवेदन किया था।
किंतु 16 सितंबर 2020 को पीआरडी विभाग ने केवल प्रशिक्षित स्वंयम सेवियों को ही स्कूलों, विभागों में तैनाती दिए जाने का शासनादेश होने की बात कहते हुए उनका आवेदन निरस्त कर दिया। परंतु बाद में पता लगा कि पीआरडी विभाग ने जिले में स्कूलों के साथ ही अन्य विभागों के लिए तैनात होने वाले स्वंयम सेवकों की एक सूची जारी की है। जिसमें से 26 प्रशिक्षित एवं 40 गैर प्रशिक्षित युवक,युवतियों के नाम जारी किए गए हैं। जबकि उन सहित कई आवेदकों के आवेदन अप्रशिक्षित होने की बात कहते हुए पीआरडी विभाग ने निरस्त कर दिए हैं। जिससे स्वंयम सेवकों की तैनाती को लेकर भारी घपलेबाजी का अंदेशा है। उन्होंने सीएम से पीआरडी में जिले के अप्रशिक्षितों युवक, युवतियों को स्वंयम सेवक के रूप में तैनात किए जाने की स्थिति में उनके आवेदन पर भी विचार किए जाने एवं जारी की गई सूची की जांच कर मामले में घपलेबाजी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे का कहना हैं कि नियुक्ति शासनादेश के तहत ही की जा सकती हैं। अगर स्कूलों में मनमाने तरीके से पीआरडी की नियुक्ति का कोई मामला सामने आता हैं तों जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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