खुशखबरी : यूनेस्को विश्व धरोहर फूलों की घाटी नेशनल पार्क प्रकृति प्रेमियों के लिए खुली
अपनी दुर्लभ जैवविविधता के लिए प्रसिद्ध यूनेस्को की विश्व धरोहर फूलों की घाटी नेशनल पार्क आज 1जुलाई से प्रकृति प्रेमियों और आम पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। घाटी के खुलने की खबर से प्रकृति प्रेमियों सहित पर्यटन कारोबारियों में भी खुशी की लहर फैल गई है। जुलाई माह में घाटी का रंग सफेद अल्पाइन प्रिमुला पुष्प के खिलने से इन दिनों काफी मनमोहक बना हुआ है।
कोविड नियमों के तहत अब पर्यटक कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट के साथ फूलों की घाटी का दीदार कर सकता है। घाटी के मुख्य गेट पर टूरिस्ट की कोरोना रिपोर्ट सहित अन्य दस्तावेज चैक होंगे। इसके बाद ही घाटी में प्रवेश मिलेगा। आज पहले दिन घाटी में प्रकृति प्रेमियों की अधिक आमद तो नही हो सकी लिहाजा पार्क कर्मियों द्वारा घाटी का रुटीन भ्रमण किया गया। घांघरिया पुलना के स्थानीय होटल कारोबारी गिरीश चौहान ने बताया कि घाटी खुलने पर आज पर्यटक तो नही दिखे लेकिन जल्द घाटी के बेस कैम्प घाँघरिया में पर्यटकों के रुकने और खाने पीने की भरपूर व्यवस्था हो जायेगी। उसके बाद घाटी में पर्यटक बढ़ने लगेंगे। पिछले वर्ष जहाँ फूलों को घाटी 15 अगस्त को खोली गई थी और इस दौरान 942 पर्यटकों ने घाटी का दीदार किया था। इस साल फ़ूलों की घाटी पिछले साल की तुलना में 45 दिन पहले खुल रहा है। मध्य जुलाई से मध्य अगस्त माह घाटी में 350 से अधिक प्रजाति के अल्पाइन पुष्प सहित दुर्लभ जड़ी बुटियाँ खिलते हैं।
पर्यटक यहाँ प्रकृति की अनमोल धरोहर पुष्प वाटिका सहित दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों का भी दीदार कर सकेंगे। ग्लोबल कोरोना महामारी के बीच पार्क प्रशासन ने विश्व धरोहर फूलों की घाटी को भी पर्यटकों के लिए खोलने का निर्णय लिया है। पार्क के आलाधिकारियों ने फूलों की घाटी का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया है। फूलों की घाटी में पैदल मार्गों व पुलियों की मरम्मत का काम पहले पूरा हो चुका है।इस समय वेली में 45 से अधिक प्रजाति के दुर्लभ पुष्प खिले हैं पुष्प घाटी पर्यटकों के लिए पूरी तरह तैयार है। आज घांघरिया चौकी से पार्क के अधिकारियों द्वारा पार्क के खुलने की ओपचरिक शुरुआत की, कोविड नियमों के साथ अन्य राज्यों के पर्यटक भी घाटी के दीदार के लिए आ सकते हैं। इस दौरान कोविड नियमों का पालन किया जाना आवयश्क होगा। कोविड टेस्ट में से किसी एक का होना अनिवार्य है।