संजय कुंवर
हेमकुंट साहिब के कपाट खोलने के लिए गुरुद्वारा प्रबंधक द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही है। सेना के जवान आस्था पथ से लगातार बर्फ हटाकर मार्ग को सुगम बनाने में जुटे हैं। जिससे श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न उठानी पड़े।
उच्च हिमालय लोकपाल घाटी में स्थित हिंदू सिक्ख आस्था केंद्र श्री लोकपाल हेमकुंट साहिब के कपाट खोलने की प्रकिया शुरू हो गई हैं। 20 मई से होने जा रही लोकपाल यात्रा के लिए यात्रा बेस कैंप गोविंदघाट और गोविंदधाम में स्थानीय कारोबारियों और घोड़ा – खच्चर, डंडी – कंडी संचालकों में भी यात्रा शुरू होने को लेकर खासा उत्साह बना हुआ है। श्री हेमकुंट साहिब धाम के प्रति गुरु आस्था और निष्ठा को आप देख सकते हैं कि कैसे सेना के जवानों और ट्रस्ट के सेवादारों ने हेमकुंट सहित अटलाकोटी से उपर धाम तक बर्फ के पहाड़ों को काटकर गुरु दरबार में मत्था टेकने आने वाली संगतों के लिए पैदल पाथ का निर्माण किया है। 14 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर हेमकुंट साहिब में 18 किलोमीटर पैदल चल कर गुरु सेवादारों द्वारा बर्फ हटाने के लिए भारी भरकम स्नो कटर मशीनें अपने कंधों पर लाद कर धाम पहुंचाई गई है। इससे बड़ी गुरु के प्रति सच्ची आस्था क्या होगी। इन्हीं स्नो कटर मशीनों द्वारा हेमकुंट गुरुद्वारा परिसर सहित परिक्रमा पथ के आसपास की बर्फ को हटाने का काम आज भी जारी है।
वहीं 20 मई को हेमकुंट साहिब के कपाट खुलने के दिन पवित्र दरबार साहिब में मत्था टेकने और साल की पहली अरदास में शामिल होने के लिए इस सीजन का पहला जत्था भी आज ऋषिकेश गुरुद्वारे से गोविंद धाम को रवाना हो चुका है। वहीं हेमकुंट साहिब के लिए फ़िलहाल बुजुर्ग,बीपी,शुगर, और अस्थमा के पीड़ित व्यक्ति यात्राएं नहीं कर सकेंगे। धाम में और आस्था पथ पर बड़ी मात्रा में बर्फ मौजूद है और ऑक्सीजन लेबल भी कम होने से कुछ दिनों के लिए इन बीमारियों के रोगियों को धाम की यात्रा नहीं करने की सलाह ट्रस्ट द्वारा अपील कर की जा रही है।