प्रधानमंत्री मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ पुनर्निर्माण से श्रद्धालुओं की संख्या में हुआ इजाफा : श्रीनिवास पोस्ती

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी

ऊखीमठ : बदरी – केदार मन्दिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती ने कहा कि वर्ष 2013 की आपदा के पश्चात मानो लग रहा था कि अब केदारनाथ का भविष्य क्या होगा, इतनी ज्यादा जान माल की हानि हुई थी, कैसे आम जन मानस का जीवन पटरी पर आएगा, क्योंकि अधिकतर लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से धाम पर ही आश्रित हैं। स्थानीय लोग हताश थे बाहर से आने वाला यात्री घबराया हुआ था, लेकिन तमाम चीजों के बाद एक बाद हमेशा की तरह बनी हुई थी वो थी भक्तों की बाबा केदार पर आश और उसके बाद जैसे ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ पुनर्निर्माण का जिम्मा लिया तो वो आश पूर्ण विश्वास में बदल गयी। शिवभक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुल 6 बार केदार दर्शन के लिए आ चुके हैं और आज केदारनाथ में लाखों यात्रियों का आना मोदी का सनातन के प्रति अडिग विश्वास का ही प्रमाण है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से लोगों में सनातन के प्रति अलख जगाई है,अब देश को राम राज्य बनने से कोई नही रोक सकता, मोदी के विज़न में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उनसे कंधा से कंधा मिलाते आगे बढ़ रहे हैं। वर्तमान विधायक श्रीमती शैला रानी रावत ने भी जिस तरह से स्थानीय लोगों को आय स्रोत प्रदान किये उससे भी लोगों में एक पॉजिटिव ऊर्जा आई।

इतनी बड़ी यात्रा सुचारु रूप से आगे बढ़ रही है उसमें जिला प्रशासन और मंदिर समिति का भी अद्वितीय योगदान रहा है। इस यात्रा के सफल संचालन में हर एक स्थानीय आदमी योगदान कर रहा है जिसमें घोड़े खच्चर वाले डंडी -कंडी वाले से लेकर छोटे व्यवसायी सब शामिल हैं। हैली कम्पनियों की वजह से अब वृद्ध लोग, चलने फिरने में अक्षम लोग भी बाबा का दर्शन कर पा रहे हैं। होटल एसोसिएशन, व्यापार संघ, स्थानीय लोग और श्री सभा(तीर्थ पुरोहित समाज) द्वारा “अतिथि देवों भव:” की तर्ज पर बाहर से आने वाले यात्रियों का दिव्य एव भव्य स्वागत किया जाता है। हर बार लाखों की संख्या में यात्री आ रहे है और हर बार यह संख्या बढ़ती जा रही है और इस साल 16 लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने अब तक बाबा केदार के दर्शन किए हैं जो की ऐतिहासिक है।
लेकिन सबसे बड़ी बात यह है यहां इतनी संख्या में यात्रियों के आने के बाद भी कभी अपराध नही होते वो यहां खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं, यहां आने से यहां की आबो हवा का रसपान करने से ,यहां के लोगों से मिलने के बाद वो यही रहने की इच्छा जाहिर करते हैं ।उनको लोगों से अथाह प्यार, आदर ,सत्कार मिलता है और वह जीवन के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण को लेकर जीवन में आगे बढ़ते हैं और उनको दो चीजों का आभास हो जाता है। इतनी बड़ी यात्रा का सुचारु रूप से संचालन करना बिना पूर्व तैयारी के संभव नही है मैं पूरे जिला प्रशासन को और मंदिर समिति को धन्यवाद करता हूं आप आने वाले वर्षो में भी इसी तरह से यात्रा को अविरल रूप से चलाने में अपनी अहम भूमिका निभायेंगे।

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